चरण सिंह
आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद के नगीना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से यह सीट लगातार सुर्खियों में है। भले ही इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने पूर्व जज मनोज कुमार को प्रत्याशी बनाया हो, बसपा की ओर से सुरेन्द्र पाल चुनाव लड़ रहे हों, भाजपा के प्रत्याशी ओम कुमार हों पर चर्चा सबसे अधिक चंद्रशेखर आजाद की ही हो रही है। जिस तरह से चंद्रशेखर आजाद इंडिया गठबंधन के साथ लगे थे। जिस तरह से उन्होंने आजमगढ़, मैनपुरी और रामपुर उप चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रचार किया और एन वक्त पर अखिलेश यादव ने नगीना सीट से अपना प्रत्याशी चुनावी समर में उतार दिया। इन सबका कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से संदेश अच्छा नहीं गया है। यह सब अखिलेश यादव का चंद्रशेखर आजाद के साथ धोखा माना जा रहा है। इंडिया गठबंधन के चंद्रशेखर आजाद के प्रति उपेक्षात्मक रवैये के चलते उन्हें सहानुभूति मिल रही है।
नगीना लोकसभा सीट पर लगभग 16 लाख मतदाता बताये जा रहे हैं। इन मतदाताओं में 7 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। मुस्लिम मतदाताओं के बाद सबसे अधिक मतदाता दलित हैं। नगीना लोकसभा सीट ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दलित युवा चंद्रशेखर आजाद को आदर्श मानते हैं। भले ही बसपा मुखिया मायावती के भतीजे आकाश आनंद के नगीना में दिये गये भाषण की तारीफ की जा रही हो पर उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के बारे में जो यह कह दिया कि वह दलित समाज के युवाओं को बरगलाकर आंदोलन में ले जाते हैं। उन पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। मुकदमे दर्ज होने से उनका भविष्य खराब हो रहा है। उन्होंने कहा है कि मुकदमे दर्ज होने से उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। आकाश आनंद का यह बयान अपने समाज के युवाओं को संघर्ष करने से रोकने वाला लगा। जबकि राजनीति करने के लिए आंदोलन जरूरी है। सत्ता का विरोध करने के लिए आंदोलन तो ही एक हथियार होता है।
दरअसल दरअसल चंद्रशेखर आजाद एक आंदोलनकारी नेता हैं। चाहे किसानों का संघर्ष हो, मजदूरों का आंदोलन हो या फिर अन्याय के खिलाफ किसी भी तरह की लड़ाई हो, सभी मामलों में चंद्रशेखर आजाद सक्रिय रहते हैं। यही वजह है कि अपनी पार्टी से वह पहला लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं तो उन्हें लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। नगीना लोकसभा सीट पर आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद और भारतीय जनता पार्टी के ओम कुमार के बीच फाइट देखी जा रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि मुस्लिम वोट कहां जा रहा है। यह माना जाता है कि जो प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी को हराने की स्थिति में होता है मुस्लिम लोग उसे ही लामबंद होकर वोट करते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि जब चंद्रशेखर आजाद फाइट में है तो मुस्लिम वोट की चंद्रशेखर आजाद पर जाने की संभावना है। ऐसे में नगीना सीट पर मुस्लिम और दलित चंद्रशेखर आजाद को वोट कर लेते हैं तो समझो चंद्रशेखर आजाद का नगीना लोकसभा सीट पर जीतना तय है।
दरअसल 2009 में नगीना लोकसभा सीट पर जब पहली बार चुनाव हुआ तो समाजवादी पार्टी के यशवीर सिंह सांसद बने। 2014 में भारतीय जनता पार्टी के डॉ. यशवंत सिंह चुनाव जीते और 2019 में बसपा के गिरीश चंद्र नगीना लोकसभा सीट से सांसद बने। अब 2024 में चंद्रशेखर आजाद के नगीना से सांसद बनने की संभावना जताई जा रही है।