चरण सिंह
हाथरस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है ? कौन नेता भोले बाबा के सत्संग में गया था ? बाबा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है ? बाबा को कौन बचा रहा है ? ये सब प्रश्न हवा में तैर रहे हैं। इन सब सवालों से भी बड़ा सवाल यह है कि आखिर बाबा के चरण रज के लिए इतनी मारामारी क्यों हुई ? इन सवालों को भी दरकिनार कर दे रही है हादसे के शिकार लोगों के कितने परिजनों की सोच। जानकारी मिल रही है कि जो लोग इस हादसे में मरे हैं उनके परिजन उनकी मौत को भी मोक्ष की संज्ञा दे रहे हैं। अभी तक एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है जो जिसमें भगदड़ में मरे लोगों में किसी ने बाबा पर कार्रवाई करने की मांग की हो।
अधिकतर लोगों के परिजन बाबा की अब भी बुराई सुनने को तैयार नहीं हैं। मतलब लोग ऐसे बाबाओं के चंगुल से निकलने को तैयार नहीं हैं। यह अपने आप में चिंतनीय है कि आसाराम, राम रहीम और रामपाल जैसे कितने बाबा अपने ढोंग और कुकर्मों के चलते जेल में बंद हैं पर लोग एक बाबा छोड़ते हैं तो दूसरा पकड़ लेते हैं। इस बाबा पर 2000में मामला दर्ज होने तथा जेल जाने की भी बात सामने आ रही है। यह बाबा कैंसर से पीड़ित लड़की के मरने के पर उसे जिंदा करने का का दावा कर रहा था। पुलिस ने एन वक्त पर जाकर इस बाबा को गिरफ्तार कर लिया था। तब लोगों पुलिस के विरोध का सामना करना पड़ा था।
एलआईयू में सिपाही की नौकरी करने वाले इस बाबा ने ऐसा मायाजाल बिछाया न केवल अथाह संपत्ति अर्जित कर ली बल्कि बड़े स्तर पर अपने अंधभक्त भी बना लिये। इस बाबा के सत्संग में महिलाएं ही आती हैं। तो क्या पुरुषों के आने पर पाबंदी है ? है तो फिर क्यों है ? प्रवचन तो खुद भोले बाबा देता है। यह भी अपने आप में बड़ा प्रश्न है कि ये महिलाएं बच्चों को क्यों ले जाती हैं ? इस हादसे में कई बच्चों की भी मौत हुई है। बाबा की गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं हुई ?आखिरकार इस बाबा ने इतना बड़ा साम्राज्य कैसे स्थापित कर लिया ? इसने नारायणी सेना कैसे तैयार कर ली ? सेवादारों ने लोगों को राहत कार्य में क्यों नहीं लगने दिया। बाबा अपने समर्थकों को ऐसे छोड़कर क्यों चला गया ? अस्पताल में घायलों से मिलने क्यों नहीं गया ? लोगों को यह भी समझ लेना चाहिए कि इस हादसे के बाद बाबा तुरंत वहां से निकल गया। क्या इस बाबा को वहां पर रुकना नहीं चाहिए थे।
अधिकतर लोगों के परिजन बाबा की अब भी बुराई सुनने को तैयार नहीं हैं। मतलब लोग ऐसे बाबाओं के चंगुल से निकलने को तैयार नहीं हैं। यह अपने आप में चिंतनीय है कि आसाराम, राम रहीम और रामपाल जैसे कितने बाबा अपने ढोंग और कुकर्मों के चलते जेल में बंद हैं पर लोग एक बाबा छोड़ते हैं तो दूसरा पकड़ लेते हैं। इस बाबा पर 2000में मामला दर्ज होने तथा जेल जाने की भी बात सामने आ रही है। यह बाबा कैंसर से पीड़ित लड़की के मरने के पर उसे जिंदा करने का का दावा कर रहा था। पुलिस ने एन वक्त पर जाकर इस बाबा को गिरफ्तार कर लिया था। तब लोगों पुलिस के विरोध का सामना करना पड़ा था।
एलआईयू में सिपाही की नौकरी करने वाले इस बाबा ने ऐसा मायाजाल बिछाया न केवल अथाह संपत्ति अर्जित कर ली बल्कि बड़े स्तर पर अपने अंधभक्त भी बना लिये। इस बाबा के सत्संग में महिलाएं ही आती हैं। तो क्या पुरुषों के आने पर पाबंदी है ? है तो फिर क्यों है ? प्रवचन तो खुद भोले बाबा देता है। यह भी अपने आप में बड़ा प्रश्न है कि ये महिलाएं बच्चों को क्यों ले जाती हैं ? इस हादसे में कई बच्चों की भी मौत हुई है। बाबा की गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं हुई ?आखिरकार इस बाबा ने इतना बड़ा साम्राज्य कैसे स्थापित कर लिया ? इसने नारायणी सेना कैसे तैयार कर ली ? सेवादारों ने लोगों को राहत कार्य में क्यों नहीं लगने दिया। बाबा अपने समर्थकों को ऐसे छोड़कर क्यों चला गया ? अस्पताल में घायलों से मिलने क्यों नहीं गया ? लोगों को यह भी समझ लेना चाहिए कि इस हादसे के बाद बाबा तुरंत वहां से निकल गया। क्या इस बाबा को वहां पर रुकना नहीं चाहिए थे।