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हल्द्वानी में क्यों और कैसे भड़की हिंसा ,क्या है उस मदरसे और मस्जिद की कहानी जिस पर चला है बुलडोज़र

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उत्तराखंड का हल्द्वानी हिंसा की आग में जल रहा है। नैनीताल जिले में हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में उस वक्त हिंसा की आग भड़क उठी जब नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रहा था। हिंसा की आग इतनी भयावह थी कि पूरा शहर इसकी चपेट में आ गया। इस हिंसा में अब तक पांच लोगों के मारे जाने की खबर है और 300 पुलिस वाले और नगर निगम के कर्मचारी घायल हैं। फ़िलहाल पुरे इलाके में तनाव की इस्थिति बानी हुई है।

दरअसल ,हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में गुरुवार को नगर निगम ने ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया। इस एक्शन का रिएक्शन ऐसा हुआ कि पूरे इलाके में हिंसक स्थिति पैदा हो गई। माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि तुरंत कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए। पुलिस की मानें तो घटना में 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में हल्द्वानी के एसडीएम (अनुमंडलाधिकारी) भी शामिल हैं। इसने कहा कि शहर के बनभूलपुरा इलाके में हिंसा के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 300 से अधिक लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी हैं, जो एक स्थानीय मदरसे की विध्वंस कार्रवाई में शामिल थे।

हल्द्वानी डीएम वंदना सिंह ने शुक्रवार को बताया कि अतिक्रमण हटाने से पहले ही टीम पर हमले की प्लानिंग कर ली गई थी। भीड़ ने पहले पत्थर फेंके, जिन्हें फोर्स ने तितर-बितर कर दिया। इसके बाद दूसरा जत्था आया और उसने पेट्रोल बम से हमला किया। मीडिया से बात करते हुए एक महिला पुलिस ने बताया महिला पुलिसकर्मी के मुताबिक, हम बहुत बचकर आए। बचने के लिए हम 15-20 लोग एक घर में घुस गए। लोगों ने पथराव किया, बोतलें फेंकीं। आग लगाने की कोशिश की। चारों तरफ, गलियों, छतों से पथराव हो रहा था। उन्होंने गलियां घेर ली थीं। जिसने हमें बचाया, उन लोगों ने उसे भी गालियां दीं, घर तोड़ दिया। हम लोगों ने फोन किया, लोकेशन भेजी, तब फोर्स आई तो हमें बाहर निकाला।

अभी क्या हैं हालात
फिलहाल, हालात ये हैं कि हिंसा बढ़ने पर हल्द्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं हैं। कर्फ्यू लगने के बाद शहर और आसपास कक्षा 1-12 तक के सभी स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की तथा अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए। इलाके में भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती है। कुल मिलाकर इलाके में पूरी तरह से लॉकडाउन वाले हालात हैं। केवल जरूरी कार्यों को ही करने की छूट है।