ईरान के करमान शहर में बुधवार को हुए दो धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 103 हो गई है जबकि 141 लोग घायल बताए जा रहे हैं। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने यह जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी की चौथी बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में ये धमाके हुए। क्षेत्र के उप गवर्नर ने इन धमाकों को ‘आतंकवादी’ हमला करार दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने करमान आपात सेवा के प्रमुख डॉ.मोहम्मद साबेरी के हवाले से मृतकों की संख्या की जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि ये धमाके रिवोल्यूशनरी गार्ड्स एलीट कुद्स फोर्स के प्रमुख रहे जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर करमान में उनकी कब्र के करीब आयोजित एक कार्यक्रम में हुए। जनरल सुलेमानी 2020 में इराक में अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मारे गए थे।
‘इरना’ के मुताबिक करमान शहर राजधानी तेहरान से 820 किलोमीटर दक्षिण पूर्व है। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि धमाकों का कारण क्या है। अधिकारियों ने कहा कि बाद में भागते समय कुछ लोग घायल हो गए। सुलेमानी ईरान की क्षेत्रीय सैन्य गतिविधियों के रणनीतिकार थे। ईरानी शासन के समर्थकों के बीच उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मान दिया जाता है। उनके मारे जाने के बाद बड़े पैमाने पर जुलूस निकाले गए थे। 2020 में उनके अंतिम संस्कार में भगदड़ मच गई थी और कम से कम 56 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे।
गाजा पट्टी में की हमास की मदद
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक सुलेमानी और कुद्स फोर्स ने इराक की सरकार को इस्लामिक स्टेट (2014-2017) को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. साल 2015 में सुलेमानी ने सीरिया में रूसी पायलट को बचाने वाले कमांडो ऑपरेशन का नेतृत्व किया था. गाजा पट्टी में हमास के सुरंग नेटवर्क के निर्माण और उसके रखरखाव के लिए हमास के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुलेमानी को श्रेय दिया था. कासिम सुलेमानी की मौत को लेकर कई बार अफवाहें भी उड़ी. साल 2006 में अफवाह उड़ी थी कि उत्तर-पश्चिमी ईरान में विमान दुर्घटना में सुलेमानी सहित अन्य सैन्य अधिकारी मारे गए.
कौन थे कासिम सुलेमानी?
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक कासिम सुलेमानी ने साल 1998 से 2020 तक ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया. उन्होंने मध्य पूर्व में ईरानी प्रभाव फैलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए देश और विदेश में सेलिब्रिटी का दर्जा हासिल किया. सुलेमानी को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का दाहिना हाथ माना जाता था. उन्हें खामेनेई के बाद ईरान में दूसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति कहा जाता था.
इस इलाके पर अपना नियंत्रण रखने के लिए अमेरिकी और तेहरान के क्षेत्रीय दुश्मनों ने सऊदी अरब और इजरायल से जंग की. सुलेमानी ने लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ-साथ इराक में सीरिया के अल-असद और शिया मिलिशिया समूहों के साथ ईरान के संबंधों को मजबूत किया.