WHO Covid Deaths Report India : क्या सरकार आंकड़े नकार देती है ?

WHO Covid Deaths Report India

WHO Covid Deaths Report India : पिछले हफ्ते विश्व भर के प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की खबर आई ही थी कि अब WHO ने भी अपनी रिपोर्ट में भारत में हुई मौत के आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए इसे भी गलत बता दिया WHO के आंकड़ों के अनुसार सरकार की ओर से जारी आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा मौतें हुई है।

ऐसा लगता है कि भारत के बाहर एजेंसियों द्वारा जारी किये जाने वाले आंकड़े देश की छवि को खराब करने के लिए जारी किये जाते हैं। आप पता करने निकलेंगे कि सच क्या है और आपको दोनो पक्षो को साबित करने के लिए र्प्याप्त सबूत भी मिल जाऐगें। 7 मई को रवीन्द्रनाथ जयंती थी। आप चाहे तो अपनी सरकार के पक्ष के आंकड़ों को मान सकते है या फिर टैगोर के मानवतावादी नजरिए को ऊपर रखकर एजेंसियों आंकड़ों  (WHO Covid Deaths Report India) को सच मान सकते हैं।

क्या कहते हैं WHO के आकड़े –

WHO, दिसम्बर 2019 से पहले WHO का नाम केवल किसी आंकड़े को जारी करने या स्वास्थ्य संबंधी Advice जारी करने के लिए सुर्खियों में आता था जिसे हम अमूमन अनसुना ही कर देते थे। इसके बाद आई कोरोना महामारी आने के बाद लोगों ने WHO द्वारा जारी किये जाने वाली हर जानकारी को अब ध्यान से सुना जाता हैं। ऐसे में WHO ने भारत की मौत के आंकड़ों (WHO Covid Deaths Data) को छुपाने की बात सामने आ रही हैं।

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डब्ल्यूएचओ(WHO) (Global Deaths Associated With Covid-19) का आकलन है कि कोरोना महामारी के कारण अभी तक दुनिया में करीब डेढ़ करोड़ लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़ा दो साल में कोविड के कारण हुई मौतों की तुलना में 13 प्रतिशत ज्यादा है। वही सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में अनुमानित 5 ( 4 लाख 81 हजार ) लाख लोगों की मौत हुई जो कि WHO के आंकड़ों से 10 गुना कम हैं।

सरकार का पक्ष – 

आंकड़े जारी होने के बाद ही सरकार ने WHO का ओर से (WHO Covid Deaths Data) आंकड़े को झूठा बता दिया हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, इस मॉडल पर भारत की आपत्ति के बावजूद भारत की आपत्तियों को डब्ल्यूएचओ ने संबोधित किए बिना ये अनुमान जारी किया है।

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वहीं AIIMS की बात माने तो भारत में मृत्यु के आंकड़ों के गिनने के लिए एक अच्छी व्यवस्था है जो जो कि WHO के आंकड़ों से विपरीत है, WHO को चाहिए कि वे भारत के इन्हीं आंकड़ों को आधार मान कर गणना करें।

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भारत ने अपना पक्ष मजबूत करने के लिए बताया कि भारत ने WHO को पहले भी इसकी सूचना दी थी कि रजिस्ट्रार जनरल (RGI) द्वारा नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के माध्यम से प्रकाशित प्रामाणिक डेटा की उपलब्धता को देखते हुए गणितीय मॉडल का उपयोग भारत के लिए अतिरिक्त मृत्यु संख्या को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

WHO ने किस पद्धति का इस्तेमाल किया –

WHO ने इस आकलन के लिए ‘अतिरिक्त मृत्यु’ तरीके का इस्तेमाल किया है। जिसके तहत सामान्य दिनों मे किसी क्षेत्र में होने वाली मौतें और महामारी के दौरान उस क्षेत्र में हुई मौतें दोनों के अंतर से WHO ने ये आंकड़े जारी किये(WHO Covid Deaths Data)। आंकड़े में उन्हे भी शामिल किया किया गया है, जिनकी मौत परोक्ष रूप से कोरोना काल में हुई जैसे कि जिन लोगों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं मिल पाया और उनकी मौत हो गई। जिसमें टेस्टिंग को लेकर सिस्टम की सुस्ती को भी उजागर किया गया है ।

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3 मई को जारी World Press Freedom के आंकड़ों में भारत को 142 से सीधा 150 वें स्थान पर रख दिया हैं। जिसे सरकार के मंत्री प्रकाश जावरेकड़ ने झूठा बता दिया है। विश्व प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल द लैंसेट (Lancet Report On Covid In India) ने भी समय- समय पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित करता रहता हैं। हम सभी ने कोरोना काल में ऑक्सीजन के कमी के चलते लोगो के अस्पताल के बाहर लगी लम्बी लाईने भी इसी ओर इशारा करती है कि सरकार के बताए आंकड़ों से ज्यादा मौतें हुई है । भारत सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे कि क्या सरकार जारी हर सरकार के विरोध में जाने वाले आंकड़ों (WHO Covid Deaths Report India) से इनकार कर देगी।

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