चुनाव में राहुल गांधी का आत्मविश्वास बढ़ा तो पीएम मोदी का डिगा!

0
53
Spread the love

चरण सिंह 

लोकसभा चुनाव के चार चरण का मतदान खत्म होने के बाद अब नेताओं के सुर तीखे हो गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि इंडी गठबंधन चार चरण में चारों खाने चित्त हुआ है तो राहुल गांधी कह रहे हैं कि वह जो चाहें प्रधानमंत्री से बुलवा सकते हैं। राहुल गांधी ने तो रायबरेली में यहां तक कह दिया कि यदि आप लोग बोले तो प्रधानमंत्री की बोलती बंद कर दूं। इसमें दो राय नहीं कि जिन राहुल गांधी को बीजेपी ने पप्पू घोषित कर दिया था, वही पप्पू अब बीजेपी को बैकफुट पर धकेल दे रहा है। राहुल गांधी का आत्मविश्वास आसमान में है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मविश्वास थोड़ा डिगा हुआ दिखाई दे रहा है।
राहुल गांधी बेबाक होकर पूरी तरह से प्रधानमंत्री पर हमलावर हैं। राहुल गांधी का लिखकर दे रहा हूं कि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन रहे हैं कहना इंडिया गठबंधन के पक्ष में माहौल को दर्शा रहा है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जो पीएम मोदी अपनी बातों और भाषणों से पूरे के पूरे विपक्ष को बैकफुट पर धकेल देते थे, उन पीएम का आत्मविश्वास क्यों डिग रहा है ? वह खुद बैकफुट पर क्यों आ जा रहे हैं ?

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बारे में यह बातें निकलकर सामने आ रही हैं कि आरएसएस इन्हें समय समय पर नसीहत देता रहा पर इन लोगों ने उसकी नसीहत पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। अब जब पहले चरण में आरएसएस कार्यकर्ताओं के पूरी सक्रियता न दिखाने की बात सामने आई तो प्रधानमंत्री नागपुर मुख्यालय पहुंचे और चुनाव जिताने की गुहार लगाई। पता चला है कि आरएसएस की प्रधानमंत्री को नसीहत के बाद ही पीएम मोदी ने अमरोहा में कहा था कि उत्तर प्रदेश का चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और बीजेपी 2014 का रिकार्ड तोड़ेगे।
पीएम ने यहां तक कहा कि योगी आदित्यनाथ उनके भी मुख्यमंत्री हैं। उन्हें गर्व है कि उन्हें योगी आदित्यनाथ जैसा साथी मिला है। यह सब आरएसएस की नसीहत का असर बताया जा रहा था। बताया जा रहा है कि आरएसएस आज की तारीख में भी पूरे जोर खरोश से चुनाव नहीं लड़ा रहा है। अंदरखाने बात यह निकलकर सामने आ रही है कि बीजेपी के कई नेता भी चाहते हैं कि बीजेपी की सरकार तो बने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न बनें। हो सकता है कि बीजेपी को बहुमत मिलने पर नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री बना दिया जाए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऐसे ही नहीं कह रहे हैं कि यदि एनडीए की सरकार बनी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो दो माह बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके पद से हटा दिया जाएगा। ऐसी खबरें मार्केट में भी तैर रही हैं। देखने की बात यह है कि केजरीवाल के बयान के बाद न तो प्रधानमंत्री और न ही गृह मंत्री ने योगी को न हटाने की बात कही। हालांकि योगी आदित्यनाथ ने यह जरूर कहा कि सनातन धर्म और देश के लिए ऐसी सौ सरकार कुर्बान। योगी आदित्यनाथ के बयान में भी नाराजगी और पीड़ा दिखाई दे रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि बीजेपी में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ही सब कुछ हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here