चरण सिंह
पीलीभीत के सांसद और संजय गांधी के बेटे वरुण गांधी को भाजपा टिकट दे न दे पर वरुण गांधी ने एक सांसद के तौर पर वह मुकाम हासिल कर लिया है कि वह किसी भी पार्टी से खड़ा होकर चुनाव जीतने का माद्दा रखते हैं। यही वजह कि उनका बीजेपी से टिकट कटा नहीं कि उनको चुनाव लड़ाने के लिए कई पार्टियों के नाम सामने आ रहे हैं। एक ओर टीएमसी वरुण गांधी को अपनी पार्टी से चुनाव लड़ाने की बात कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस के टिकट पर गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी से उनको चुनाव लड़ाने की पृष्ठभूमि तैयार हो रहंी है। समाजवादी पार्टी की ओर से तो एक ऐसी लिस्ट भी वायरल हो रही, जिसमें वरुण गांधी का टिकट पीलीभीत से दिखाया गया है। वायरल हो रही इस लिस्ट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को जोनपुर से, रागिनी सोनपुर को मछलीशहर से टिकट दिखाया गया है।
हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस लिस्ट को समाजवादी पार्टी ने फर्जी करार दिया है।
हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस लिस्ट को समाजवादी पार्टी ने फर्जी करार दिया है।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिरकार यह लिस्ट आई कहां से ? कहीं ऐसा तो नहीं है वरुण गांधी को टिकट कटने का अंदेशा हो गया हो और उनकी समाजवादी पार्टी से चुनाव लङ़ने बात अखिलेश यादव से हुई हो और समाजवादी पार्टी ने लिस्ट तैयार कर रखी हो। बीजेपी के तीसरी लिस्ट का इंतजार अखिलेश यादव को हो। पीलीभीत पर बीजेपी का प्रत्याशी उतारते और वरुण गांधी का टिकट कटते ही अखिलेश यादव इस लिस्ट को जारी करने जा रहे हों। उनके कार्यालय से ही यह लिस्ट लीक हुई हो।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि वरुण गांधी ने अपना वह रुतबा बनाया है कि हर कोई पार्टी उनको अपना प्रत्याशी बनाने को तैयार है। यहां तक कि अब बीजेपी के भी उनको पीलीभीत से टिकट देने की बात सामने आने लगी है। हां उनकी मां मेनका गांधी का सुल्तानपुर से टिकट कट सकता है। यदि वरुण गांधी का टिकट कटता है तो गांधी परिवार में सुलह होने की भी संभावना है। टिकट कटने की स्थिति में समाजवादी पार्टी के साथ ही अपने पिता संजय सिंह की सीट रही अमेठी से भी वरुण गांधी चुनाव लड़ सकते हैं। अमेठी गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आई है। तो क्या वरुण गांधी कांग्रेस के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि वरुण गांधी ने अपना वह रुतबा बनाया है कि हर कोई पार्टी उनको अपना प्रत्याशी बनाने को तैयार है। यहां तक कि अब बीजेपी के भी उनको पीलीभीत से टिकट देने की बात सामने आने लगी है। हां उनकी मां मेनका गांधी का सुल्तानपुर से टिकट कट सकता है। यदि वरुण गांधी का टिकट कटता है तो गांधी परिवार में सुलह होने की भी संभावना है। टिकट कटने की स्थिति में समाजवादी पार्टी के साथ ही अपने पिता संजय सिंह की सीट रही अमेठी से भी वरुण गांधी चुनाव लड़ सकते हैं। अमेठी गठबंधन में कांग्रेस के खाते में आई है। तो क्या वरुण गांधी कांग्रेस के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।
यदि ऐसा होता है तो गांधी परिवार में संबंंध सुधरने की भी एक संभावना है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि वरुण गांधी को कांग्रेस में लेकर सोनिया गांधी राहुल गांधी के लिए एक खतरा मोल लेंगी। बीजेपी के टिकट न देने की स्थिति में वरुण गांधी अमेठी से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी उनको समर्थन देकर चुनाव लड़ा सकते हैं। हां यह बात जरूर है कि वरुण गांधी स्मृति ईरानी को हराने में सक्षम माने जा रहे हैं। अमेठी के लिए राहुल गांधी की बजाय वरुण गांधी को अमेठी से लोक ज्यादा पसंद कर रहे हैं।