दीपक कुमार तिवारी
पटना/नई दिल्ली। आगामी वेडिंग सीजन में भारत में शादियों का बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुमान के मुताबिक, अगले दो महीनों में देशभर में लगभग 48 लाख शादियां होने की संभावना है। इन शादियों से देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का योगदान होगा, जो छोटे और बड़े कारोबारियों के लिए एक बड़ा अवसर है। अकेले राजधानी दिल्ली में लगभग 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है, जो शहर के विभिन्न उद्योगों में बड़ी हलचल पैदा करेगा।
इस सीजन में शादियों से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में खासा उत्साह है। कपड़ा, आभूषण, मेकअप, खानपान, ट्रांसपोर्ट, बैंड-बाजा और सजावट जैसे सेक्टर्स में जबरदस्त मांग देखी जा रही है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, इस सीजन में हर प्रकार का व्यवसाय, चाहे वह छोटे दुकानदार हों या बड़े व्यापारी, मुनाफे की उम्मीद कर रहे हैं। विभिन्न राज्यों के स्थानीय बाजारों में शादी के कपड़े, सजावट, और गहनों की भारी मांग देखी जा रही है, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
इसके साथ ही होटल और बैंक्वेट हॉल में भी बुकिंग पहले ही फुल हो चुकी है। वेडिंग प्लानर्स, कैटरिंग सर्विसेज और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को भी रिकॉर्ड बुकिंग्स मिल रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह शादी का सीजन देश की अर्थव्यवस्था को एक नया जोश और उछाल देने वाला साबित हो सकता है।
इस शादी सीजन का असर केवल व्यापार पर ही नहीं, बल्कि रोजगार पर भी देखने को मिलेगा, क्योंकि लाखों लोगों को अस्थायी और स्थायी रोजगार के मौके मिलने वाले हैं।