जामुड़िया : ईसीएल कुनुस्तोड़िया एरिया अंतर्गत परासिया इलाके के एमडीओ प्रोजेक्ट से मशीनों के ले जाने से रोककर स्थानीय जमीन मालिक ने प्रदर्शन एवं मशीनों को ले जाने से रोका। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना कि किसी भी कीमत पर वह परियोजना को बंद नहीं होने देंगे।
वहीं दूसरी तरफ दूसरे जमीन मालिकों ने सीधे तौर पर कहा कि षड्यंत्र के तहत एक भ्रामक खबर इलाके में परियोजना बंद होने की फैलाई जा रही है। वह नहीं चाह रही इलाके में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को काम मिले। इस बारे में स्थानीय आदिवासी नेता भरत माड्डी ने बताया कि वह नहीं चाहते कि यहां पर एमडीओ बंद हो यहां पर लोगों को कम मिलना चाहिए लेकिन षड्यंत्र के तहत यहां पर इसको बंद किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने स्थानीय दो लोगों के नाम बताए तुषार कांत और कल्याण घोष सहित कुछ लोगों पर उन्होंने आरोप लगाया कि वह चाहते हैं कि यहां पर यह एमडीओ बंद हो जाए लेकिन वह यह नहीं चाहते। उनका साफ कहना है कि यह यहां पर चलते रहना चाहिए और स्थानीय युवाओं को नौकरी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज रविवार है कल जब इस खदान के अधिकारी आएंगे तब उनके साथ बैठकर फैसला किया जाएगा। वहीं इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन देने वाले एक व्यक्ति मिलन कुमार घोष ने बताया कि कल भी दो मशीनों को यहां से लेकर जाया गया था आज भी कुछ मशीनों को निकालने की कोशिश की जा रही थी लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा उसे रोका गया उन्हें साफ कहा कि वह यहां से मशीनों को निकालना नहीं देंगे। वह चाहते हैं कि यहां पर प्रोजेक्ट हो यह एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसलिए यहां पर यह प्रोजेक्ट होने से बेरोजगारी की समस्या दूर होगी कल जब यहां पर एजेंट आएंगे तो उनके साथ बैठकर फैसला किया जाएगा। अगर उससे भी बात नहीं बनी तो महाप्रबंधक के साथ बैठकर फैसला किया जाएगा। लेकिन वह हरगीज इस प्रोजेक्ट को बंद होने नहीं देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंडिकेट से जुड़े कुछ लोग नहीं चाहते कि यह प्रोजेक्ट यहां पर चले।
इस विषय पर तरुण कांति घोष नामक एक स्थानीय निवासी से बात करने पर उन्होंने कहा कि उन लोगों के खिलाफ वसूली का जो आरोप लगाया जा रहा है वह सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि जो इस तरह के आरोप लगा रहे हैं उन्होंने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को कोई जमीन नहीं दी थी उन लोगों ने 2019 में 150 बीघा जमीन ईसीएल को दी थी। वह चाहते हैं कि यहां पर यह प्रोजेक्ट चालू हो इस वजह से उन्होंने रजिस्ट्री होने से पहले ही कंपनी को यहां पर काम करने की अनुमति भी प्रदान की थी। उन्होंने कहा कि यहां पर रास्ते का निर्माण जमीन के रजिस्ट्री होने से पहले किया गया था इसी से पता चलता है कि यहां के लोग चाहते हैं कि यहां पर यह प्रोजेक्ट चालू रहे। उन्होंने कहा कि ईसीएल द्वारा एएनयुएल को कम करने का ठेका दिया गया था। ए एन यु एल द्वारा स्वभूमि डीसी एस और एक और किसी कंपनी से काम करवाया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीनों कंपनियों द्वारा बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के यहां पर काम करवाया जा रहा है। स्थानीय लोगों की मांग थी कि श्रमिक वर्ग के काम के लिए स्थानीय युवाओं को नौकरी दी जाए लेकिन स्वभूमि की तरफ से बताया गया कि वह सिर्फ पांच स्थानीय लोगों को काम दे सकते हैं। हालांकि उनका भी वह जॉइनिंग लेटर नहीं देंगे। तरुण कांति घोष ने कहा कि अगर यहां पर नौकरी करने वाले लोगों को जॉइनिंग लेटर नहीं दिया जाता तो भविष्य में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उनको मुआवजा मिलने में असुविधा होगी। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर प्रबंधन से बातचीत की जा रही है लेकिन वह नहीं चाहते कि यहां पर प्रोजेक्ट बंद हो। उन्होंने उल्टा आरोप लगाया कि यहां पर एक सिंडिकेट बनाया गया है जो हर महीने प्रबंधन से कुछ लाख रुपए लेते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि स्थानीय युवाओं को अगर नौकरी नहीं भी मिलती है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने उस सिंडिकेट चलने वाले लोगों पर कंपनी से वसूली का आरोप लगाया। वहीं मशीनों को क्यों ले जाया जा रहा था इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब स्वभूमि ही दे सकती है।
जामुड़िया के एमडीओ प्रोजेक्ट से मशीनों को हटाने का ग्रामीणों ने किया विरोध
