द न्यूज 15
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस ऑवर्स में मोबाइल फोन चलाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया है कि वो इसको लेकर नियम बनाए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा कि ‘अगर कोई इमरजेंसी कॉल है तो इसके लिए सीनियर से परमिशन से ऑफिस से बाहर जाकर कॉल की जा सकती है। इसके अलावा बाकी किसी भी स्थिति में मोबाइल फोन या तो स्विच ऑफ या साइलेंट या वाइब्रेशन मोड में होना चाहिए। ‘ कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकारी दफ्तरों में अनुशासन होना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि दफ्तरों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल के मामले बढ़ रहे हैं जिससे काम प्रभावित हो रहा है। अदालत ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार को सर्कुलर जारी करना चाहिए। हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दी जहां एक कर्मचारी को इसलिए सस्पेंड कर दिया गया क्योंकि वो अपने साथी की वीडियो बना रहा था। गौरतलब है कि पिछले साल महाराष्ट्र सरकार ने भी कहा था कि कर्मचारियों को ऑफिस ऑवर्स के दौरान कम से कम मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना चाहिए। सरकार ने ये भी कहा था कि बात करने के लिए लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
महाराष्ट्र जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि बहुत जरूरी होने पर ही ऑफिस ऑवर्स में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें। ऑर्डर में ये भी कहा गया था कि ऑफिस ऑवर्स में मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से सरकार की छवि खराब होती है।
महाराष्ट्र जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि बहुत जरूरी होने पर ही ऑफिस ऑवर्स में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें। ऑर्डर में ये भी कहा गया था कि ऑफिस ऑवर्स में मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से सरकार की छवि खराब होती है।