पश्चिम चंपारण: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से एक अनोखी तस्वीर सामने आई है, जिसने राजनीति में नयापन ला दिया है। पूर्व विधायक और मंत्री खुर्शीद आलम एक कार्यक्रम में चप्पल की माला लेकर पहुंचे और जनता से अपील की कि यदि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्षेत्र के लिए सही कार्य नहीं किया है, तो उन्हें इस माला से सम्मानित किया जाए और वापस भेज दिया जाए।
सिकटा के बैशाखवा स्थित एक स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में, जब खुर्शीद आलम मंच पर पहुंचे, तो उनके हाथ में चप्पल की माला देखकर लोग हैरान रह गए। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं इस क्षेत्र में पांच साल विधायक और पांच साल मंत्री रहा हूं। अगर आपको लगता है कि मैंने विकास कार्य नहीं किया है, तो मुझे इस चप्पल की माला से सम्मानित करें और वापस भेज दें। अगर मैंने काम किया है, तो मुझे सिक्कों से तौलकर सम्मानित करें।”
पूर्व मंत्री के इस अनूठे अंदाज ने जनता पर गहरा प्रभाव डाला। सभा स्थल पर तराजू पर सिक्कों से उन्हें तौला गया, और करीब एक क्विंटल सात किलोग्राम सिक्कों से उनका सम्मान किया गया। यह दृश्य पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया।
खुर्शीद आलम हमेशा अपने अनोखे अंदाज के लिए सुर्खियों में रहते हैं। वह अब तक अपने क्षेत्र में 64 छोटे-बड़े मंदिरों का निर्माण करवा चुके हैं, और उनके इस कार्य से उनकी खास पहचान बन चुकी है।
आगामी चुनावों से पहले यह कदम राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह कदम अन्य नेताओं के लिए एक संदेश हो सकता है कि पारंपरिक राजनीति से हटकर कुछ अलग किया जाए।
सभा के अंत में उन्होंने जनता को यह संदेश दिया कि सम्मान उसी को मिलना चाहिए, जिसने क्षेत्र में विकास कार्य किए हों, और दिखावे व वादों से नहीं।