यूनिसेफ बच्चों और किशोरों को सशक्त बनाने में प्रतिबद्ध

0
40
Spread the love

अभिजीत पाण्डेय

पटना। बिहार की 46 प्रतिशत आबादी के जीवन को बेहतर बनाने के अपने प्रयास को बताने और सहयोग की अपेक्षा के साथ यूनिसेफ बिहार प्रमुख मार्गरेट ग्वाडा ने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर से मुलाकात की। यह 46% आबादी 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे की है। बिहार इस परिपेक्ष्य में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे युवा राज्य भी है।

यूनिसेफ ने 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की बेहतरी की शुरुआत 1982 में की थी। तब से बिहार सरकार के साथ मिलकर यूनिसेफ़ ने पोलियो ऑन व्हील्स, एसएमनेट, बाल विवाह और बाल श्रम को समाप्त करने के लिए कई अभियानों के साथ की अगुवाई की है।

हाल में बाल अनुकूल ग्राम पंचायतों का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसे अब बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के साथ साझेदारी में पूर्णिया और कोसी प्रभागों की सभी ग्राम पंचायतों में विस्तारित किया जा रहा है।

यूनिसेफ़ ने लैंगिक मुद्दों से निपटने में बिहार के मुख्यमंत्री की दूरदर्शी पहलों की सराहना की। मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि योजना, वन स्टॉप सेंटर्स और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जैसे कार्यक्रमों के जरिए ना केवल महिलाओं और लड़कियों को सशक्त किया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक भागीदारी में भी परिवर्तनकारी प्रभाव डाले हैं। ये प्रयास बिहार की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण हैं, जो अन्य राज्यों को प्रेरित करते हैं।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने यूनिसेफ़ के साथ साझेदारी करके 22 जिलों में किशोरों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उड़ान कार्यक्रम शुरू किया है, जिसे राज्यव्यापी स्तर पर बढ़ाना एक गेम चेंजर हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here