संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नरसंहार को रोकने के लिए पहचान आधारित भेदभाव को समाप्त करने का आह्वान किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने नरसंहार के पीड़ितों के अंतर्राष्ट्रीय स्मरणोत्सव और गरिमा दिवस पर एक संदेश में कहा कि आज नरसंहार बहुत बड़ा खतरा बना हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय नरसंहार और संबंधित अत्याचार अपराधों को रोकने के लिए हर बार विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया 1945 के बाद से सबसे ज्यादा हिंसक संघर्षों का सामना कर रही है। ये संघर्ष लंबे समय से चले आ रहे हैं और तेजी से बढ़ रहे हैं। मानवाधिकारों और कानून के शासन की नियमित रूप से अनदेखी की जा रही है। पहचान आधारित भेदभाव तेजी से फैल रहा है और राजनीतिक हेरफेर और निजी फायदे के लिए इसका तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है। ये सभी खतरनाक चेतावनी संकेत हैं जिन पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।
गुटेरेस ने कहा, “हम जानते हैं कि क्या जरूरी है। हमें पहचान आधारित भेदभाव को खत्म करना चाहिए और विविधता को एक ताकत के रूप में पहचानना चाहिए। हमें मानवाधिकारों और कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। हमें पहले हुए अत्याचार अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए। हमें सामंजस्य स्थापित कर इससे बिखरे हुए समुदायों की मदद करनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, नरसंहार को रोकने की पहली जिम्मेदारी राज्यों की है। लेकिन यह समाज के सभी लोगों की भागीदारी के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है। युवा, धार्मिक और सामुदायिक नेता, निजी क्षेत्र और मीडिया, विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सभी की जिम्मेदारी है कि वे इसे रोकने में मदद करें। एक साथ मिलकर काम करके हम पहले की गई गंभीर गलतियों से बच सकते हैं।”