यूक्रेन बोला- रूस पर अमेरिका ने लगाया बैन, चीन का रुख दोस्ताना, कहा- हर इंच ज़मीन के लिए लड़ेंगे

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रूस पर अमेरिका ने लगाया बैन
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अमेरिका ने रूस की दो वित्तीय संस्थाओं वीईबी और रूसी मिलिट्री बैंक पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही ब्रिटेन ने भी रूस के पांच बैंकों और तीन अरबपतियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है

द न्यूज 15 

नई दिल्ली। रूस ने अलगाववादियों के नियंत्रण वाले यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क और डोनेट्स्क को अलग देश का दर्जा देने के ऐलान कर दिया है और साथ ही इन राज्यों में अपनी सेना भी भेज दी है। रूस के इस कदम से गुस्साए यूक्रेन ने कहा कि वह इस बेतुके और बेवकूफाना कदम को स्वीकार नहीं करता है। साथ ही यूक्रेन ने कहा कि रूस पर अमेरिका ने बैन लगा दिया है और इस मसले पर चीन का रुख दोस्ताना है। इसके अलावा यूक्रेन ने यह भी कहा है कि हम हर इंच जमीन के लिए लड़ेंगे।
अमेरिका सहित कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाया है। रूस-यूक्रेन विवाद पर अमेरिकी लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमने रूस की दो वित्तीय संस्थाओं वीईबी और रूसी मिलिट्री बैंक पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही ब्रिटेन ने भी रूस के पांच बैंकों और तीन अरबपतियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है।
रूस ने ब्रिटेन के द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बताया अवैध : ब्रिटेन ने रूस के पांच बैंकों और तीन अरबपतियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। ब्रिटेन के द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर लंदन स्थित रूसी दूतावास ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे अवैध बताया है। रूसी दूतावास ने कहा कि पिछले कई महीनों के दौरान हमने ब्रिटिश मीडिया में रूसी विरोधी उन्माद में बढ़ोतरी देखी है। इससे ब्रिटिश जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर में एक आक्रामक रूस की छवि बनी है।
जापान ने भी रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। जापान में अब रूसी सरकार के साथ नए बांड्स जारी नहीं होंगे। साथ ही जापान यूक्रेन के उन प्रान्तों के लोगों को भी वीजा जारी नहीं करेगा। जिन्हें रूस ने अलग देश की मान्यता दी है।
यूक्रेन की सीमा के अंदर रूसी सैनिक भेजे जाने के कदम को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बताया जीनियस, कहा- पुतिन के पास होगी सबसे मजबूत शांति सेना
यूक्रेन की सीमा के अंदर रूसी सैनिक भेजे जाने को लेकर एक टीवी शो में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि जब मैंने टीवी पर यह देखा तो कहा कि ये तो जीनियस है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के एक बड़े हिस्से को स्वतंत्र घोषित किया। मैंने कहा ये कितना स्मार्ट है? वे अंदर जाएंगे और शांति रक्षक बनेंगे। उनके पास सबसे मजबूत शांति सेना होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान रूस ने कभी भी इस तरह की कार्यवाही नहीं की।
रूस के साथ जारी विवाद के बीच यूक्रेन बोला- हमारे पास कूटनीतिक और लड़ाई दोनों की योजना :  यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने मंगलवार को कहा कि उनके देश के पास कूटनीति और लड़ाई दोनों की योजना है। हमारी पहली योजना रूस को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कूटनीति के हर उपकरण का उपयोग करना है और अगर यह विफल हो जाता है तो हम हमारी जमीन के हर इंच के लिए लड़ने को तैयार हैं। जब तक हम जीत नहीं जाते, तब तक लड़ते रहेंगे।
यूक्रेन में फंसे 240 भारतीय वापस अपने देश लौटे :  यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ रहे तनाव के मध्य एयर इंडिया के एक विमान से करीब 240 भारतीयों को दिल्ली लाया गया। एयर इंडिया का विमान देर रात इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इससे पहले विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने भी ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा था कि करीब 250 भारतीय मंगलवार रात यूक्रेन से दिल्ली लौट रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन से लौटने वाले भारतीयों की मदद के लिए आने वाले दिनों में और अधिक विमान भेजी जाएंगी।
दुनिया भर के देश रूस को दें सजा, बोले यूक्रेन के विदेश मंत्री :  मंगलवार को यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने दुनिया भर के देशों से रुसी अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचाने का आग्रह किया है। कुलेबा ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में कहा कि दुनिया भर के देशों को रूस को उसके द्वारा किए गए अपराधों के लिए दंडित करना चाहिए और आर्थिक मोर्चे पर जवाब देना चाहिए।  करीब 30 साल पहले यूक्रेन को तब के सोवियत यूनियन से आजादी मिली। आजादी मिलने के बाद से ही यूक्रेन में आंतरिक संघर्ष चल रहा है। यूक्रेन का पश्चिमी हिस्सा जहां यूरोप का समर्थन करता है तो वहीं पूर्वी हिस्सा रूस के ज्यादा नजदीक है। कई मौकों पर यूक्रेन के पूर्वी हिस्से ने रूस के कई कदमों का समर्थन किया है। हालिया विवाद नाटो और यूरोपीय यूनियन में शामिल होने के लिए यूक्रेन के द्वारा की जा रही कोशिशों की वजह से उपजा है। दरअसल रूस यूक्रेन को किसी भी कीमत पर नाटो में शामिल नहीं होने देना चाहता है लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने 2019 से ही इस कोशिश को तेज कर दिया है।

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