पंजाब में ड्रग की समस्या पुरानी है। साल २०१६ में एक फिल्म आई थी उड़ता पंजाब। इस फिल्म में राज्य में नशे की समस्या को दिखाया गया था। इस फिल्म से पहले भी और बाद में राज्य में ड्रग के खिलाफ एक्शन को लेकर तमाम दावे किये जा रहे हैं। हालांंकि इन दावों की पोल खोलता एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अमृतसर के मकबूलपुरा इलाके में कथित तौर पर कैप्चर किये गये। इस वीडियो में एक महिला ड्रग का इजेक्शन लिए देखी जा रही है। बीच सड़क पर खड़ी युवती बेसुध नजर आ रही है। वह हिलने-डुलने के लिए संघर्ष करती दिख रही है। उसकी हालत इतनी खराब है कि वह एक कदम भी नहीं उठा पा रही है। वीडियो बनाने वाला व्यक्ति इलाके की दयनीय स्थिति के बारे में बात करता दिख रहा है। इलाके के बारे में कहा जाता है कि यह नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए कुख्यात है और यहां कई नशे के आदी लोग हैं। वीडियो में पुरुष को यह कहते सुना जा सकता है कि महिला की यह हालत कथित तौर पर स्मैक के इंजेक्शन की वजह से हुई है।
अमृतसर के मकबूलपुरा इलाके से पहले भी नशीला दवाओं के दुरुपयोग से संबंधित कई घटनाएं सामन आई हैं और क्षेत्र में पुलिस द्वारा कई नशामुक्ति अभियान भी शुरु किये गय हैं। वीडियो वायरल होने के बाद रविवार को पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया। तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से नशीला पदार्थ बरामद किया गया है। मामला भी दर्ज किया गया है।
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार घटना के एक दिन बाद पुलिस आयुक्त रुण पाल सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार में नशीला दवाओं के दुरुपयोग की समस्या से निपटने के लिए धार्मिक रूप से भी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने वीडियो बनाया है उसे सोशल मीडिया पर अपलोद करने के बजाय पुलिस को इसकी सूचना देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि किसी भी अपराध की सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से अब तक उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के तहत ४८३ मामले दर्ज किये हैं, जिसमें ६५० लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक लोगों का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक राज्य में नशे को खत्म करना असंभव है। उन्होंने कहा कि मकबूलापुरा नशीली दवाओं से संबंधित अपराध का हॉटस्पॉट है।