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Hijab : हिजाब पहनने के मत पर बंटे सुप्रीम कोर्ट के दो जज

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Hijab : भारत की सर्वोच्य न्यायालय में हिजाब पर बहस चल रही थी, जिसमें सुप्रीमकोर्ट के दो जज एक दूसरे से अलग राय रखते हुए दिखे। इस कारण दोनों ही जजों की बेंच ने इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने की सिफारिश कर दी है।

इसी साल मार्च में कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब(Hijab) को शिक्षण संस्थानों में प्रतिबंधित कर दिया था, हाईकोर्ट ने बताया कि हिजाब ईस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। अब जब तक सुप्रीम कोर्ट की बेंच फैसला नही सुनाती तब तक प्रतिबंध जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट जजों के अलग मत्त –

13 Oct के दिन सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया हिजाब पर बहस करते हुए एक दूसरे से असहमत दिखे, बता दे कि जस्टिस हेमंत गुप्ता कल के दिन रिटायर होने जा रहे है।

Hijab
हिजाब के मामले में अलग राय रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के दो जज बांई ओर जस्टिस सुधांशु धुलिया दांए ओर जस्टिस हेमंत गुप्ता

जस्टिस हेमंत गुप्ता कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत होकर उसे बरकरार रखना चाहते थे, लेकिन जस्टिस धुलिया की राय इससे अलग रही, जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा –

“हमारी राय अलग है, मेरे इस मुद्दे पर 11 सवाल हैं, ये मामला हम चीफ जस्टिस को भेज रहे हैं ताकि इसकी सुनवाई के लिए बड़ी बेंच का गठन किया जाए

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क्या कहा जस्टिस सुधांशु धुलिया ने – 

जस्टिस धुलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट से अलग राय रखते हुए कहा कि “हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद का मुद्दा है, मेरे दिमाग में सबसे ज्यादा ये बात आ रही है कि क्या हम इस तरह के प्रतिबंध लगाकर एक छात्रा के जीवन को बेहतर बना रहे हैं?”

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जस्टिस धुलिया ने लड़कियों की शिक्षा के मसले को आगे रखते हुए कहा कि – “लड़कियों को स्कूल जाने से पहले घर का काम-काज निपटाना पड़ता है और क्या हम उनकी जिंदगी को बेहतर बना रहे हैं ? यह आर्टिकल 19 और 25 से जुड़ा मामला है।

क्या कहा था कर्नाटक हाईकोर्ट ने – 

इसी साल मार्च में कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इस बात की ओर इशारा किया कि क्लासरूम में हिजाब पहनने की अनुमति देने से “मुसलमान महिलाओं की मुक्ति में बाधा पैदा होगी” साथ ही कोर्ट ने बताया कि ऐसा करने से संविधान की ‘सकारात्मक सेकुलरिज्म’ की भावना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने इन बातों पर जोर दिया कि नागरिक के मौलिक अधिकार एक क्लास के भीतर कम नहीं हो जाते है।

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फिलहाल हिजाब(Hijab) का यह मामला अब मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित के पास जा चुका है, अब वे इस मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच गठित कर सकते है। जिसमें इस बहस का अंतिम फैसला होगा।