सुब्रत राय के साथ ही प्रबंधन के दूसरे लोगों को घोषित करा दिया था भगोड़ा, कोर्ट को भी मानना पड़ गया, भुगतान नहीं देना चाहता सहारा प्रबंधन
नई दिल्ली/लखनऊ/सिद्धार्थनगर। जो निवेशक यह मान रहे हैं कि वे सहारा प्रबंधन का क्या बिगाड़ सकते हैं। वे निवेशक जरा उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के निवेशक राधेश्यान सोनी और राजू श्रीवास्तव के संघर्ष को देख लें। इन दोनों निवेशकों ने अथक प्रयास कर न केवल सहारा प्रबंधन को भगोड़ा घोषित कराया बल्कि कोर्ट को यह विश्वास करा दिया कि सहारा प्रबंधन निवेशकों को पैसा नहीं देना चाहता है।
दरअसल राजू लाल श्रीवास्तव और राधेश्याम सोनी की कहानी जितनी पीड़ा दायक है उतनी ही जज्बे और संयम से लड़ाई लड़ने की भी है। इन दोनों निवेशकों ने वर्ष 2021 में अपने साथ व अन्य के साथ हुए गंभीर धोखाधड़ी के खिलाफ सिद्धार्थनगर कोतवाली में देश के जाने माने और बड़े पहुंच वाले चिटफंडिये सुब्रत रॉय और उनके सहयोगियों के खिलाफ अपराध पंजीकृत कराया, जिसका क्रमांक 97/21 है।
ये अपराध पंजीकृत इसलिए हो गया और इस मोड़ पर पहुंच पाया कि देश में अभी भी 1 प्रतिशत ही लोग सही मगर अपने धर्म और कर्म के प्रति सच्ची निष्ठा रखते हैं और उसी के हिसाब से कार्य करते हैं चाहे किसी तरह का प्रलोभन व दबाव आये मगर वो झुकते नहीं हैं।
एक निवेशक राजू श्रीवास्तव ने अपने साथ हुए छल कपट और धोखाधड़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। ये अभियुक्त वे हैं जिनके समर्थन में रक्षा मंत्री,गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से लेकर पूर्व व वर्तमान के कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री व नेतागण खड़े रहने के भी आरोप समय समय पर लगते रहे हैं।
एक निवेशक राजू श्रीवास्तव ने अपने साथ हुए छल कपट और धोखाधड़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। ये अभियुक्त वे हैं जिनके समर्थन में रक्षा मंत्री,गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से लेकर पूर्व व वर्तमान के कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री व नेतागण खड़े रहने के भी आरोप समय समय पर लगते रहे हैं।
यह इस शिकायतकर्ता का जज्बा और संयम ही है कि न्यायालय के भरोसे दिन रात संघर्ष कर उन उच्च जान पहचान शख्सियत के खिलाफ न्यायालय से जमानती वारंट, फिर गैर जमानती वारंट और उसके बाद न्यायालय से भगौड़ा साबित करा देता है। अंत मे न्यायालय को भी मानना पड़ता है कि ये सभी अभियुक्त गण जानबूझकर न्यायालय की गरिमा को नहीं मान रहे हैं और पूरे देश मे ये लोग करोडों की धोखाधड़ी में संलिप्त है। जिससे इन सभी को अपनी संपत्ति बेच देश छोड़ भागने में भी कोई ऐतराज नही होगा,क्योंकि ये लोग बहुत बड़े सख्सियत के लोगों के जान पहचान वाले हैं जिनको देश में किसी प्रशासन द्वारा न तो गिरफ्तार किया जा सकता और नाही इनके खिलाफ कोई कारवाई हो पायेगी, आगे भविष्य में न्यायालय को अपनी गरिमा की रक्षा करते हुए इन सभी अभियुक्तों के संपति को कुर्क करने की कारवाई का आदेश दे संतोष करना पड़ेगा।क्योंकि कारवाई तो प्रशासन को ही करना है।