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भोपाल में आदिवासियों का स्वागत बारातियों जैसा

आदिवासी

भोपाल | संभवत: जनजातीय वर्ग के कई लोगों के लिए यह पहला ऐसा मौका होगा, जब वे सरकारी मेहमान बने हों और उनके स्वागत में बडे-बड़े नौकरशाह खड़े हों। स्वागत में ढोल नगाड़े बजे तो उन पर पुष्प वर्षा भी की गई। स्वागत ऐसा जैसे वे बाराती हों। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस के महा सम्मेलन में प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से लगभग ढ़ाई लाख आदिवासी पहुंचे है। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करने के साथ इस वर्ग को अनेकों सौगात देने वाले हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद बाहर से आ रहे जनजातीय वर्ग के लोगों के स्वागत में लगे रहे तो दूसरी ओर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के अगुवाई में पार्टी के कार्यकर्ता बाहर से आ रहे लोगों के स्वागत में मोर्चा संभाले हुए हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक अमला ने जनजाती वर्ग के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उल्लेखनीय है कि भोपाल में 28 हजार अतिथियों के रुकने और खाने पीने का व्यवस्थित इंतजाम किया गया। खाने के लिए विशेष केटरिंग की व्यवस्था की गई है। जिसमे पूड़ी सब्जी, दाल चावल और मिठाई में खीर रखी गई है।

प्रभारी अधिकारी अपर कलेक्टर उमराव सिंह मरावी ने बताया कि सभी जगहों पर बेहतर व्यवस्थाएं की गई है, सोने के लिए जनमासी व्यवस्थाओं की कोशिश की है। गद्दे रजाई ,चादर, पीने के पानी के लिए आर.ओ. पानी रखा गया है। सभी स्थलों पर टायलेट, नहाने के लिए बेहतर इंतजाम किए गए है।

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