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टीएमसी ने केंद्र सरकार पर लगाया ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करने का आरोप 

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय मिलना चाहिए था सेना को पर भिड़ रहे हैं राजनीतिक दल। बीजेपी प्रधानमंत्री का फोटो लगाकर ऑपरेशन सिंदूर को भुनाने का प्रयास कर रही है तो तृणमूल कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र सरकार पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया गया है। टीएमसी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बनाए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में सांसदों के चयन में एकतरफा फैसले लिए और पार्टी से सलाह-मशविरा नहीं किया। विशेष रूप से, टीएमसी ने सांसद यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के केंद्र के फैसले का विरोध किया, जिसके बाद ममता बनर्जी ने इस कदम को “राजनीतिक तमाशा” करार दिया।

टीएमसी ने दावा किया कि विदेश नीति केंद्र सरकार का विषय है, और इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र को लेनी चाहिए, न कि विपक्षी दलों को बिना सहमति के शामिल करना चाहिए। पार्टी ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय हित में सरकार का समर्थन करती है, लेकिन प्रतिनिधिमंडल में कौन शामिल होगा, यह फैसला पार्टी स्वयं करेगी। बाद में, केंद्र सरकार ने टीएमसी के सुझाव पर अभिषेक बनर्जी को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया।

इसके अलावा, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि टीएमसी ने ऑपरेशन सिंदूर के प्रतिनिधिमंडल में भाग लेने से इनकार कर देश विरोधी रुख दिखाया, लेकिन ये दावे पक्षपातपूर्ण हो सकते हैं और इन्हें सत्यापित जानकारी के रूप में नहीं लिया जा सकता।
कुल मिलाकर, टीएमसी का कहना है कि केंद्र ने ऑपरेशन सिंदूर को राजनीतिक रंग देकर विपक्ष को दरकिनार करने की कोशिश की, जबकि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर सरकार के साथ है, बशर्ते प्रक्रिया में पारदर्शिता और सहमति हो।

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