भीलवाड़ा । राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की हाल ही में सरकार बनी है। सरकार बनते ही बीजेपी नेताओं के तीखे तेवर भी दिखाई देने लगे। एक तरफ मंत्रिमंडल का गठन होना बाकी है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ नेता विधायक होने का रौब दिखा रहे हैं। ताजा मामला शाहपुरा से सामने आया। शाहपुरा के बीजेपी विधायक ने उपखंड मजिस्ट्रेट को धमकी देते हुए कहा कि ‘नई नई नौकरी लगी है, आप बहस किस से कर रहे हैं आपको पता है।’ इसके बाद विधायक ने एसडीम ऑफिस के बाहर धरना देने की भी चेतावनी दी। अब सवाल तो यह है कि आखिर इन विधायक साहब को कौन समझाए कि वह विपक्ष में नहीं है। वह सत्ताधारी पार्टी बीजेपी से जीतकर आए हैं। जबकि धरना देना तो विपक्ष का काम है।
दरअसल शाहपुरा विधानसभा से भाजपा के विधायक लालाराम बैरवा रायला में विकास भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम के दौरान जनसुनवाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बनेड़ा की उपखंड मजिस्ट्रेट नेहा छीपा को खूब खरी-खरी सुनाई। इसके बाद नेहा ने उन्हें नियम कायदे और कानून की जानकारी भी दी, मगर पहली बार विधायक बने लालाराम बैरवा ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें नौकरी खराब करने की धमकी दे दी।
आखिर क्यों हुई दोनों में बहस ?
बीजेपी विधायक लालाराम बैरवा ने उपखंड अधिकारी को बनेड़ा में चल रही अवैध कोयला भट्टियों को बंद करवाने के निर्देश दिए थे। इस मामले के संबंध में नेहा से सवाल पूछा गया। नेहा ने जवाब देते हुए बताया कि हमने 91 के नोटिस जारी कर दिए हैं। उपखंड अधिकारी के इस जवाब पर बैरवा भड़क उठे। उन्होंने कहा कि जब अतिक्रमण किया गया था तब आपसे पूछा था क्या ? इस पर नेहा छीपा ने मना कर दिया। इसके बाद लालाराम बैरवा ने गुस्से में कहा कि जब अतिक्रमण करने के लिए पूछा नहीं जाता है, तो अतिक्रमण हटाने के लिए क्यों पूछा जाता है। इसके बाद उपखंड अधिकारी ने नियम के अनुसार कार्रवाई करने की बात कही। उपखंड अधिकारी नेहा और शाहपुरा विधायक के बीच जनता के सामने काफी देर तक बहस हुई।
भ्रष्टाचार नहीं सहा जाएगा : बीजेपी विधायक
कार्यक्रम की समाप्ति के बाद बीजेपी विधायक ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ‘चाहे पंचायती राज विभाग हो या पुलिस डिपार्टमेंट या कोई और विभाग, कहीं पर भी भ्रष्टाचार की शिकायत हो तुरंत हमें सूचित करें।’ किसी भी व्यक्ति का अधिकारी अगर काम नहीं करता है तो हमें सूचित करें।तीन दिन में आपका काम करवा दिया जाएगा। इसके बाद लोगों ने नरेगा में जेसीबी चलाने के नाम पर 300 रुपयों की वसूली शिकायत भी विधायक से की। जिस पर हाथों हाथ ही ग्राम विकास अधिकारी बलराम गग्गड़ और मनरेगा सचिव जगदीश भांभी को बुलाकर जानकारी ली गई। इसके बाद उन्होंने कहा कि नरेगा में अब कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा और कोई पैसा वसूली नहीं की जाएगी।