सीमांचल की नदियां उफनाई, लोग तोड़ने लगे अपने घर-मकान
दीपक कुमार तिवारी
पटना। बिहार में मानसून की आहट अब महसूस होने लगी है हालांकि सीमांचल-अंग क्षेत्र में बारिश की दस्तक के बाद भी मौसम विभाग ने अभी मानसून की पुष्टि नहीं की है. लेकिन सीमांचल क्षेत्र में अब नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है और बाढ़ का खतरा भी तेजी से मंडराने लगा है. नेपाल में हो रही भारी बारिश ने बिहार की नदियों में भी उफान ला दिया है. सीमांचल क्षेत्र के लोग व प्रशासन अब अलर्ट मोड पर हैं. कटाव का संकट भी गहराने लगा है. कई जगहों पर डायवर्सन व सड़क कटने से लोगों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.अररिया-गलगलिया न्यू बीजी रेल मार्ग पर भी रेनकट का खतरा मंडराया हुआ है. पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज में नदियों के उफान ने लोगों की नींद उड़ा दी है.
सीमांचल में महानंदा नदी उफनाई हुई है. इंडो-नेपाल सीमा क्षेत्र में मंगलवार को भारी बारिश हुई और इस बारिश ने बिहार में कनकई व बूढ़ी कनकई नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया. किशनगंज के दिघबलैक प्रखंड के हाथी डुब्बा, हाफिजटोला हरूवाडांगा, राहीमुनि डायवर्सन के ऊपर पानी बह रहा है.
किशनगंज के कोचाधामन में बारिश ने गर्मी से तो राहत दी लेकिन नदियों में भी ऊफान ला दिया है. जिससे कई जगहों पर कटाव की समस्या बढ़ गयी है. महानंदा नदी का जल स्तर बढ़ जाने से सड़क व कब्रिस्तान तक नदी में समाने लगा है. वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग 327 ई के बाद अब अररिया गलगलिया न्यू बीजी रेल मार्ग पर भी रेनकट ने अलर्ट किया है. कई नदियों में नाव का परिचालन बंद करना पड़ा है जिससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी असुविधा हुई है.
इधर पूर्णिया जिले में भी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. अमौर प्रखंड में रुक रुक कर बारिश हो रही है जिससे कनकई, परमान एवं बकरा नदियों का जलस्तर अचानक पांच फीट तक बढ़ा है. बाढ़ का खतरा यहां कई गांवों पर अब फिर एकबार मंडराने लगा है.ज्ञानडोव पंचायत के वार्ड नंबर 7 में कनकई नदी ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया और ज्ञानडोव पंचायत के पूर्व मुखिया फारूक का घर नदी की जद में आ चुका है. यहां लोग अपने घरों को तोड़ने में जुट गए हैं. सीमल वारी, नगरटोल , पैठान टोली ,लालटोली सहित अन्य गांव में कटाव का कहर देखने को मिल रहा है. जबकि बायसी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बहने वाली महानंदा , कनकई एवं परमान नदी में भी ऊफान है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. महानंदा नदी के किनारे बसे गांवों की चिंता बढ़ चुकी है.
वहीं नेपाल के तराई क्षेत्र में तेज बारिश होने से कटिहार जिले में भी महानंदा का जलस्तर बढ़ गया है जिससे बाढ़ की संभावना बढ़ गयी है. पानी अब निचले इलाके में घुस रहा है. महानंदा का जलस्तर बढ़ा तो अब पशुओं के लिए चारा जुटाने की समस्या बढ़ गयी. यहां खेत खलिहानों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.