दरवाजे के बाहर 10 फुट का मगरमच्छ, देखते ही मची भगदड़

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 ऐसे हुआ रेस्क्यू

 चंपारण। यदि आप सुबह सोकर उठें और आंख मलते हुए घर के बाहर निकलें, तभी सामने कोई विशालकाय और खतरनाक जीव नजर आए तो आपकी क्या स्थिति होगी? ठीक यह स्थिति बिहार के पश्चिम चंपारण के बिसहा गांव में रहने वाले सुरेश यादव की भी हुई. सुरेश यादव रविवार की सुबह बिस्तर छोड़ते ही घर का दरवाजा खोलकर बाहर निकले. अचानक उन्होंने देखा कि मुश्किल से चार कदम के फासले पर एक 10 फीट का मगरमच्छ है. यह देखकर उनकी हालत खराब हो गई.
वह वापस भागकर घर में घुस गए और फिर शोर मचाकर पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी. इस खबर मात्र से ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया. आनन फानन में मामले की जानकारी वन विभाग को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को काबू किया और फिर उसे गंडक नदी में ले जाकर छोड़ दिया गया. वन विभाग वाल्मीकि नगर के रेंजर राज कुमार पासवान के मुताबिक मगरमच्छ को सफलता पूर्वक काबू कर गंडक नदी में छोड़ा गया है.
उन्होंने कहा कि कई बार वन्य जीव भटकते हुए रिहायशी इलाके में आ जाते हैं. यह मगरमच्छ भी रास्ता भटककर यहां आया था. उन्होंने आम लोगों ने आग्रह किया कि कहीं भी कोई वन्य जीव दिखे तो उसे परेशान करने या मारने के बजाय वन विभाग को सूचित करें. बता दें कि पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल 2 में बड़ी संख्या वन्य जीव हैं. ये वन्य जीव अक्सर वन्य क्षेत्र के बाहर भी निकल जाते हैं. इसकी वजह से कई बार हादसे भी हो चुके हैं.
हालांकि वन विभाग के अधिकारी भी इन वन्य जीवों की सतत निगरानी रखते हैं और जैसे ही खबर मिलती है, तत्काल मौके पर पहुंच कर वन्य जीवों को रेस्क्यू करते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक बरसात के बाद यहां रिहायसी इलाके में सरीसृप प्रजाति के जीव ज्यादा नजर आते हैं. इसी क्रम में रविवार को इस प्रजाति का मगरमच्छ गांव में आया था. बताया जा रहा है कि 10 फीट लंबा और भारी भरकम यह मगरमच्छ त्रिवेणी कैनाल के जरिए बिसहा गांव में पहुंचा था.

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