एक परिवार अधिकतम एक कार का कानून बने : रघु ठाकुर

रघु ठाकुर

फ्रांस की राजधानी पेरिस के कई इलाकों में कारों पर जाने पर रोक लगा दी गई है। फ्रांस यूरोप का एक प्रमुख देश है और आर्थिक रूप से संपन्न है। आबादी में भारत से बहुत कम है परंतु उन्हें अपने स्वास्थ्य के प्रति और अपने समाज को प्रदूषण से बचाने के प्रति चिंता है। फ्रांस की राजधानी पेरिस  के बाहर साइकिलों के स्टैंड बनाए गए हैं ।गाडियां फ्रांस के बाहर खड़ी की जाती हैं और अंदर आने वालों के लिए साइकिलों पर आना होता है। एक तरफ फ्रांस है उसकी राजधानी पेरिस है और दूसरी तरफ  भारत की राजधानी दिल्ली है जहां प्रदूषण 400 के पार चला जाता है ,भारत के मुख्य न्यायाधीश तक प्रतिदिन प्रदूषण का रोना होते हैं ,बड़े-बड़े आंकड़े अखबारों में छपते हैं परंतु दिल्ली है कि हिलती नहीं है।  कारों का अनंत काफिला चलता जा रहा है बढ़ता जा रहा है और ऐसा लगता है कि अब दिल्ली आदमियों का शहर कम कारों का शहर ज्यादा हो गया है ।
हम अपनी मौत का सामान खुद जुटा रहे हैं ।क्या भारत सरकार क्या सर्वोच्च न्यायालय इस बात की पहल करेगी कि देश में अब कारों  पर सीमा बांधी जाए,? लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी कहती रही है की एक परिवार अधिकतम एक कार का कानून बनाया जा ये।
आज भी यही एक रास्ता है जिससे प्रदूषण को कम से कम 50% तत्काल कम किया जा सकता है ।

(लेखक लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं)

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *