हूतियों पर ऐक्‍शन से टेंशन बढ़ने की आशंका, ईरान जा रहे जयशंकर क्‍या करने वाले हैं?

0
116
Spread the love

अमेरिका और ब्रिटेन के हवाई हमलों से हूती विद्रोही बौखला गए हैं। उन्‍होंने इन हमलों का जवाब देने की धमकी दी है। इसके चलते पश्चिम एशिया में संघर्ष बढ़ने की आशंका है। इन सबके बीच सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ईरान की यात्रा पर निकल रहे हैं। वह ईरान में क्षेत्र में बढ़ती टेंशन पर का बातचीत करेंगे।

नई दिल्ली। यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन के एक्शन से पश्चिम एशिया में संघर्ष बढ़ने की आशंका है। इस टेंशन के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को ईरान की यात्रा पर निकलेंगे। हूतियों को ईरान का समर्थन प्राप्‍त है।
उन्‍होंने अमेरिका और ब्रिटेन के हवाई हमलों का जवाब देने की धमकी दी है। इससे अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि गाजा युद्ध व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष का कारण बन सकता है। हूती विद्रोहियों ने हाल में लाल सागर में व्‍यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। जयशंकर की तेहरान यात्रा इजरायल-हमास संघर्ष के बीच बढ़ती वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में हो रही है।

विदेश मंत्री सोमवार को ईरान निकलेंगे। यहां दोनों पक्षों के बीच लाल सागर की स्थिति सहित कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ बातचीत करेंगे। भारत लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है। अमेरिका और ब्रिटेन पहले ही यमन में हूती ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले शुरू कर चुके हैं।

ईरान ने की है हवाई हमलों की न‍िंंदा

पिछले साल अक्टूबर में इजरायल और हमास के बीच जंग शुरू हुई थी। इसके बाद से भारत ने कूटनीति में संतुलन बनाकर रखा है। संघर्ष और द्विपक्षीय मुद्दों पर सरकार ईरान के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। ईरान ने यमन में हवाई हमलों की कड़ी निंदा की है। उसने कहा है कि इससे क्षेत्र में असुरक्षा और अस्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। हूतियों ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता जाहिर की है। उन्‍होंने न केवल इजरायल बल्कि लाल सागर में अन्य देशों से जुड़े जहाजों को भी निशाना बनाया है। भारत ने लाल सागर में नौवहन की स्वतंत्रता का पुरजोर समर्थन किया है।

हूतियों पर हवाई हमले शुरू होने से कुछ समय पहले जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को बात की थी। इसमें नेविगेशन की स्वतंत्रता के खतरे पर चिंता व्यक्त की गई थी। हालांकि, जयशंकर की यात्रा की योजना बातचीत से काफी पहले बन गई थी।

 

भारत फूंक-फूंक कर रख रहा कदम

 

विदेश विभाग के अनुसार, उन्होंने दक्षिणी लाल सागर और अदन की खाड़ी में हूतियों के हमलों पर साझा चिंताओं पर चर्चा की। ये माल के मुक्त प्रवाह के साथ निर्दोष नाविकों की जिंदगी को खतरे में डालते हैं। इनसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होता है। लाल सागर एक मुख्‍य वाणिज्यिक गलियारा है जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाता है। अमेरिका ने क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए भारत के साथ बढ़ते सहयोग का स्वागत किया।

 

लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर हूतियों के हमलों के जवाब में पश्चिमी देशों की कार्रवाई पर अब तक भारत ने कोई टिप्‍पणी करने से परहेज किया है। वह इस पूरे मसले पर फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रहा है। इन हवाई हमलों को नीदरलैंड, कनाडा, बहरीन और ऑस्ट्रेलिया के समर्थन से किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here