द न्यूज 15
नई दिल्ली । उत्तर भारत के टॉप गैंगस्टर्स में एक काला राणा को एसटीएफ हरियाणा के इनपुट के चलते गिरफ्तार कर लिया गया। काला राणा कुछ साल पहले देश से भागकर थाईलैंड चला गया था, वह अभी दिल्ली पुलिस की हिरासत में है। थाईलैंड में बैठकर ही वह काला जठेड़ी और लॉरेंस विश्नोई जैसे कुख्यात अपराधियों के सिंडिकेट को चला रहा था। ऐसे में आपको बताते हैं कि आखिर वीरेंद्र प्रताप नाम का शख्स नामी गैंगस्टर काला राणा में कैसे तब्दील हो गया।
वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा को हरियाणा के यमुनानगर इलाके का बताया जाता है। थाईलैंड में बैठकर काला जठेड़ी के पूरे सिंडिकेट को चलाने वाले राणा के ऊपर हरियाणा में 30 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक, हरियाणा में दर्ज मुकदमों में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी जैसे संगीन जुर्म शामिल हैं।
काला राणा ने साल 2013 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। अपने पहले जुर्म में उस पर गाड़ी लूटने व छिनैती का आरोप लगा था, जिसके बाद उसे जेल भी जाना पड़ा। जेल में रहने के दौरान ही उसकी मुलाकात संपत नेहरा से हुई थी। संपत नेहरा को लॉरेंस विश्नोई का राइट हैंड माना जाता है। नेहरा सुर्ख़ियों में तब आया था जब उसे बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को मारने की योजना बनाते हुए पकड़ा गया था।
काला राणा पर यमुनानगर में सबसे ज्यादा 19 केस दर्ज हैं। इसके अलावा कुरुक्षेत्र व अंबाला में चार-चार मामले दर्ज है। काला राणा पर इन सभी मामलों में हत्या, लूट, हत्या की कोशिश, रंगदारी, धोखाधड़ी, सरकारी काम में बाधा जैसे जुर्म शामिल है। साल 2017 में काला राणा का नाम तेजी से सामने आया जब उसने संपत नेहरा के साथ मिलकर पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के भाई राजा पर गोलियां चलाई थी। इसके बाद, काला राणा ने काला जठेड़ी और बिश्नोई के गैंग के साथ भी काम किया। साल 2019 में एक मामले में काला राणा को भगोड़ा घोषित कर दिया गया। साथ ही उस पर 1 लाख का इनाम भी जारी किया गया लेकिन फर्जी पासपोर्ट के जरिए वह थाईलैंड भाग गया। काला राणा अपने अपराधों के लिए पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, चंडीगढ़ और हरियाणा जैसे राज्यों में वांछित था।
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थाईलैंड में नाम बदलकर रह रहे काला राणा ने ही दिल्ली के जीटीबी अस्पताल से कुख्यात गैंगस्टर कुलदीप उर्फ फज्जा को भी पुलिस हिरासत से फरार करवाया था। बैंकॉक में रह रहे गैंगस्टर राजू बसौदी की साल 2020 में गिरफ्तारी के बाद कई सालों से हरियाणा पुलिस और एसटीएफ की नजर काला राणा पर थी। जिसके चलते उसके खिलाफ 2020 में फर्जी पासपोर्ट के मुकदमें के साथ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया था।