नफरत फैलाने वाला प्रोपेगेंडा है ‘द कश्मीर फाइल्स’… जयराम रमेश ने लगाए गंभीर आरोप

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द न्यूज 15

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने, गुस्सा भड़काने और हिंसा को बढ़ावा देने का दुष्प्रचार बताया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि विवेक अग्निहोत्री की फिल्म, जो घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है, को अत्यधिक समीक्षा मिली है, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन भी शामिल है। दूसरी ओर, आलोचकों ने फिल्म निर्माता पर चेरी-पिकिंग की घटनाओं और सभी को एक चित्रित करके मुस्लिम समुदाय और वामपंथी विचारधारा के खिलाफ नफरत भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, “कुछ फिल्में परिवर्तन को प्रेरित करती हैं। द कश्मीर फाइल्स नफरत को उकसाती हैं। सत्य न्याय, पुनर्वास, सुलह और शांति की ओर ले जा सकता है। लेकिन ये फिल्म तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है, क्रोध को भड़काने और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए इतिहास को विकृत करता है।”
कुलगाम जिले के दमल हांजी पोरा में पत्रकारों से बात करते हुए, अब्दुल्ला ने कहा कि उनके पिता, पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, कश्मीरी पंडितों के पलायन के समय जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री नहीं थे। उमर अब्दुल्ला ने दावा किया कि उस वक्त कश्मीर में जगमोहन राज्यपाल थे। जबकि केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी जिसे भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया था।
उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए आधे दिन के विशेष अवकाश की घोषणा इस बात पर दी है कि अगर वो चाहें तो इस वक्त पर द कश्मीर फाइल्स फिल्म देख सकते हैं। सरमा ने कहा कि आधे दिन की छुट्टी का लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना होगा और अगले दिन टिकट जमा करना होगा। गौरतलब है कि इस फिल्म को उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, गोवा, हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड सहित अधिकांश भाजपा शासित राज्यों में टैक्स फ्री घोषित किया गया है।

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