हैदराबादः बीजेपी ने उनके तेलंगाना आने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ भी कर लें पर रणनीतिकार तेलंगाना सीएम को बचा नहीं पाएंगे
द न्यूज 15
हैदराबाद । पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से तल्खी की खबरों के बीच चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक नई पारी खेलने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि वो तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर के लिए काम करने जा रहा हैं। हालांकि बीजेपी ने उनके तेलंगाना आने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ भी कर लें पर रणनीतिकार तेलंगाना सीएम को बचा नहीं पाएंगे।
दरअसल, ये कयास तब लगे जब प्रशांत किशोर ने हैदराबाद में तेलंगाना सीएम और टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की है। रविवार को प्रशांत किशोर एक्टर प्रकाश राज के साथ केसीआर के फार्म हाउस पर पहुंचे थे। जहां केसीआर के साथ उनकी काफी लंबी बैठक हुई है। तेलंगाना में अगले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। केसीआर तेलंगाना में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। फिलहाल केसीआर भाजपा के खिलाफ एक मोर्चा बनाने की कोशिश में लगे हुए है। उनके तेवर काफी तल्ख दिख रहे हैं।
कुछ दिन पहले भी प्रशांत किशोर तेलंगाना के दौरे पर आए थे। तब उनके साथ अभिनेता प्रकाश राज भी थे। प्रकाश राज पिछले कुछ समय में भाजपा विरोधी राजनीति का प्रतिनिधि चेहरा बन गए हैं। उन्होंने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार किया था तो बिहार में कन्हैया कुमार के साथ खड़े दिखे थे। उनके साथ प्रशांत किशोर का तेलंगाना जाना हैरान करने वाला है। राजनीतिक हलकों में तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि पीके तेलंगाना की राजनीति में कोई बड़ी भूमिका निभाने जा रहे हैं। केसीआर से रविवार की मुलाकात ने इस पर मुहर लगाई है।
हालांकि, बीजेपी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बीजेपी नेता ई. राजेंद्र ने कहा कि पीके का यहां कोई असर नहीं पड़ने जा रहा। उन्होंने नामपल्ली में मीडिया से कहा कि तेलंगाना के लोग समझदार हैं। पीके चंद्रशेखर राव को बचा नहीं सकते। उनका चुनाव में सफाया होना तय है। बीजेपी नेता का दावा है कि इस बार तेलंगाना में मोदी का जादू चलेगा। यहां के लोग भाजपा की सरकार बनाने को तैयार है।
गौरतलब है कि कांग्रेस में एंट्री न होने के बाद पीके चुपचाप थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों में उनकी सक्रियता बढ़ी है। ममता से उनके अलगाव की खबरें सामने आ रही हैं पर पिछले दिनों किशोर ने नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी। वो भाजपा विरोधी राजनीति के लिए जाने जाते हैं। नीतीश से उनका अलगाव भी 370 के मुद्दे पर भाजपा का विरोध करने पर हुआ था। उधर, टीआरएस प्रमुख ममता बनर्जी और अन्य नेताओं के साथ भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने में लगे हैं।