तेजस्वी यादव को इससे पहले सीबीआई ने 4 फरवरी को समन भेजा था लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीबीआई ने शनिवार को जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को इससे पहले सीबीआई ने ४ फरवरी को समन भेजा था लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। सीबीआई ने सूबतों और उनके खिलाफ पेपर ट्रेल के आधार पर तलब किया है।
नौकरी के बदले जमीन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 10 मार्च को तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित निवास पर छापेमारी की थी। ईडी के अधिकारियों ने दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित उनके आवास सुबह 8.30 बजे छापेमारी शुरू की थी। इस सप्ताह ही सीबीआई ने मामले के संबंध में लालू यादव और उनकी पत्नी से क्रमशज् दिल्ली और पटना में कई घंटे तक पूछताछ की। तेजस्वी यादव ने सीबीआई की कार्रवाई को उनके परिवार के भारतीय जनता पार्टी के निरंतर विरोध के कारण बताया। बिहार विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, यह एक खुला रहस्य है कि जांच एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं और उन लोगों की मदद कर रही हंै जो बीजेपी के साथ गठबंंधन करन के लिए सहमत हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा था कि मामले में आरोपों में आपराधिक साजिश (१२०-बी), आईपीसी के तहत धोखाधड़ी (४२०) ओैर भ्रष्टाचार शामिल हैं। चार्जशीट के अनुसार 2004 और 2014 के बीच एक साजिश रची गई थी, जिसके तहत पुरी और रांची में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को स्थानांतरित कर दिया गया था। फिर इसे पटना स्थित सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को लीज कर दिया गया। सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर किया है। सभी आरोपियों को 15 मार्च को तलब किया गया है। ईडी का मामला धन शोधन निवारण अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया।
लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ीं, सीबीआई ने दूसरी बार भेजा बुलावा
