बरसात में वर्षा कम और ज्यादा होती है! कभी कभी बादल ज्यादा बरस जाते हैं! धरती में जल संग्रह करने की एक सीमा है बाकी जल रन ऑफ यानी फालतू जल फ्लड यानी बाढ़ का रूप धारण करता है! वर्षा जल का संग्रह हो इसकी व्यवस्था कृत्रम पौंड या झील बना कर की जाती है सदियों से मनुष्य करता आया है हर गांव में तालाब होना इसका प्रमाण है! विकास की अंधी दौड़ ने हर जगह को हिला कर रख दिया है ! जब वर्षा होती है तो जल बहने लगता है इसके साथ मिट्टी भी बहती है जो मिट्टी भुर भूरी होती है या छेड़ छाड़ से अलग हुई होती है भारी मात्रा में पानी के साथ बहती है पानी के बहाव को बढ़ा देता है नीचे चल कर बहुत बड़े फ्लड यानी बाढ़ का कारण बनता है! आज देखेंगे कि लोगों ने हर जगह सीमेंट से पक्की कर दीं हैं गांव के रास्ते सड़कें पक्की हुई हैं यहां तक पानी के बहने के स्थान में भी अवरोध कर दिए हैं ! पानी जमीन में कम संग्रह होता है रन ऑफ बढ़ जाता है मिट्टी के साथ भयंकर रूप बना लेता है!
मनुष्य ने खुद इस आफत को तैयार किया है जंगल काट कर साफ कर दिए नालों खड्डों को खनन के लिए खोद दिया! फिर त्रासदी के लिए तैयार रहना चाहिए! पृथ्वी का बढ़ता तापमान भी एक कारण है सुखा आंधी तूफान ज्यादा बरसने के लिए! हमारे पास की चक्की खड्ड को हम पिछले 1980 में जब आर्मी में पठानकोट में चक्की के पास 3 साल कार्यरत थे उस समय से देख रहे हैं फिर वन विभाग में वन निगम के लकड़ी के डिपो में हिमाचल के भदरोया में चक्की किनारे 1990 में भी 3 साल रहे !
चक्की खड्ड को निहारते रहे हैं हमारा पठानकोट से अक्सर चक्की पुल से आना जाना रहता है! 1990 के आस पास पठानकोट के आस पास बड़े स्तर पर क्रेशर लगाना शुरू हुआ हर रसूखदार व्यापारी ने अपने क्रेशर लगाना शुरू किए पठानकोट के आस पास ही चक्की खड्ड में सौ से ज्यादा क्रेशर होगे! चक्की खड्ड को पत्थरों के लिए खोदना शुरू किया ! देखते ही देखते पठानकोट के पास पठानकोट जालंधर सड़क के पुल के पास चक्की 10 से 15 मीटर गहरी हो गई! हम 2010 के आस पास फिर से पठानकोट के पास चक्की खड्ड की तरफ गए तो देख कर चौंक गए!
आज हिमाचल के हर जगह छोटी बड़ी खड्डों में क्रेशर लगे हैं खनन धडल्ले से हो रहा है खनन में बड़े बड़े रसूखदार लोग लगे हैं हर भाजपा कांग्रेस के विधायक व नेता खनन के धंधे से जुड़े हैं हमारे मुख्यमंत्री का भी अपना एक क्रेशर है ऐसा सुना गया है खनन एक बहुत बड़ा हिमाचल पंजाब हरियाणा का माफिया है सत्ता के गलियारों में इसकी घुस पैठ है! आज जो तबाही देखने को मिल रही है इसका मुख्य कारण अवैज्ञानिक खनन और अंधा धुंध विकास की होड़ है! समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो फिर प्रकृति के रौद्र रूप से लोगों को कोई नहीं बचा पाएगा!