जरूरतमंद महिलाओं को सरकार घर-घर उपलब्ध कराए निःशुल्क सेनेटरी पैड्स
रीवा । नारी चेतना मंच ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए उस निर्देश का स्वागत किया है जिसमें केंद्र सरकार से कहा गया कि वह माहवारी स्वच्छता के अंतर्गत मिशन मोड में बालिका स्कूलों में सैनिटरी पैड्स मुहैया कराए। सोमवार को एक अहम निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों से वहां छठवीं से लेकर 12वीं तक पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड्स देने को कहा है।
नारी चेतना मंच के संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे , नारी चेतना मंच की वरिष्ठ नेत्री डॉ श्रद्धा सिंह , श्वेता पांडे ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों को सभी जरूरतमंद स्त्रियों के लिए सेनेटरी पैड्स की व्यवस्था करवाना चाहिए। इसे सिर्फ स्कूलों तक सीमित रखा जाना सही नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली लड़कियों के हित में एक व्यवस्था देते हुए अच्छी पहल की है जिसे सरकार को जनहित में और व्यापक करना बेहद जरूरी है। सामान्यतः सेनेटरी पैड्स का खर्च उठाना आम परिवारों के लिए काफी मुश्किल है।
नारी चेतना मंच ने कहा कि वैसे भी सरकार के पास घर घर के आंकड़े मौजूद हैं। इस संबंध में जरूरतमंद महिलाओं को घर घर जाकर सेनेटरी पैड्स उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाना चाहिए। यह काम स्वास्थ्य संगठनों की ओर से किया जाना चाहिए। जरूरतमंद महिलाओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए यदि सेनेटरी पैड्स की आपूर्ति घर-घर की जाती है तो इसका लाभ स्कूली बालिकाओं को भी मिल जाएगा। इसके लिए स्कूल में अलग से वितरण की व्यवस्था नहीं बनानी होगी।
नारी चेतना मंच ने कहा है कि सेनेटरी पैड्स को लेकर समाज में व्यापक जागरूकता की जरूरत है। देखने को मिलता है कि इसे मेडिकल स्टोर से खरीदते समय अधिकांश महिलाएं काफी संकोच महसूस करती हैं। आम लोगों का नजरिया भी सही नहीं रहता है। नारी चेतना मंच ने कहा कि ऐसी संकीर्ण सोच को सही करने की जरूरत है। महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी अभियान पर विशेष बजट बना कर सरकार को काम करना चाहिए।