चरण सिंह
भले ही ओलंपिक में विनेश फौगाट को अयोग्य ठहरा कर उनके और देशवासियों के गोल्ड मेडल जीतने के सपने को छीन लिया गया हो, भले ही उनको १०० ग्राम वजन घटाने के लिए कुछ घंटे का समय न दिया गया हो, भले ही उन्हें बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर दिल्ली जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट करने पर तमाम आलोचना का सामना करना पड़ा हो, पर विनेश फोगाट ने ओलंपिक में महिला पहलवान के रूप में पहली बार फाइनल में पहुंचकर साबित कर दिया कि वह अपने हर आलोचक का मुंह बंद करने का माद्दा रखती हैं।
देश उनकी कड़ी मेहनत पर गर्व कर रहा है। जिस तरह से भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने उनको अयोग्य ठहराने पर हैरानी जताई है, उससे साबित होता है कि कहीं न कहीं विनेश फोगाट के साथ अन्याय हुआ है। खेल के क्षेत्र में विनेश फोगाट का कद आज की तारीख में कितना बढ़ गया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीटी ऊषा से बातचीत की और कहा कि वह उचित कार्रवाई करें।
हालांकि विपक्ष ने विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराने के पीछे षड्यंत्र होने का अंदेशा जताया है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी को देश की बेटी लिख देने से काम नहीं चलेगा। सरकार स्तर से क्या किया गया ? प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने कहा कि विश्व विजेता पहलवानों को हराकर फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है। आप नेता संजय सिंह ने तो विनेश फोगाट के साथ अन्याय होने की बात करते हुए ओलंपिक का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
मतलब आज की तारीख में पूरा देश विनेश फोगाट के साथ है। आज लोग विनेश फोगाट की तुलना रानी लक्ष्मी बाई से कर रहे हैं। तमाम आलोचनाओं को झेलते हुए विनेश फोगाट यौन शोषण से पीड़ित महिला पहलवानों के पक्ष में न केवल तत्कालीन कुश्ती फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह टकराई बल्कि उनको बैकफुट पर जाने को मजबूर किया। यह विनेश फोगाट की लगन और जज्बा ही रहा कि विपरीत परिस्थितियों को विनेश फोगाट ने अपने अनुकूल ढाल लिया और पेरिस ओलंपिक में जाकर देश का नाम रोशन कर दिया। इस समय देश की इस बेटी के सम्मान में न केवल विपक्ष बल्कि सत्तापक्ष भी खड़ा है।
भले ही विनेश फोगाट को बिना मेडल के देश लौटना पड़े पर विनेश फोगाट को देश में अब तक ओलंपिक में पदक जीतने वाले सभी भारतीयों से अधिक सम्मान मिलने वाला है। जिस तरह से विनेश फोगाट के साथ हुए इस अन्याय के विरोध में देश खड़ा है, उससे बड़ा पदक विनेश फोगाट के लिए नहीं हो सकता है। पता चला कि जब विनेश फोगाट को ओलंपिक में अयोग्य ठहराने का पता चला तो वह बेहोश हो गईं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। विनेश फोगाट जैसी जाबांज पहलवान हिम्मत हारने वाली नहीं हैं। फिर से वह अपने को साबित करेंगी। हां किस्मत ने उनसे ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना छीन लिया है।
कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि प्यारी बहन विनेश फोगाट मैंने आपके साहस, आपकी मेहनत और लगन को देखा है। आप ओलंपिक के दंगल में देश की करोड़ों लड़कियों के सपनों के लिए लड़ रही थीं। आपके शानदार खेल से उन करोड़ों लड़कियों के सपनों को उड़ान मिली है जो छोटे-छोटे शहरों से आती हैं। तमाम चुनौतियों से जूझते हुए सिस्टम से लड़ते हुए विपरीत हालात को हराकर बड़े मंचों पर पहुंचने की आकांक्षा रखती हैं। आपके शानदार खेल ने पूरे देश को गर्व से भर दिया।
गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा है कि ओलंपिक में विनेश फोगाट के बाहर होने से निश्चित रूप से लाखों भारतीयों की उम्मीद टूटी है। अमित शाह ने कहा कि उनका खेल करियर शानदार रहा है, जिसमें उन्होंने विश्व चैंपियन को हराने का गौरव हासिल किया है। यह दुर्भाग्य उनके शानदार करियर में एक अपवाद मात्र है, मुझे यकीन है कि वह फिर से जीत हासिल करेंगी और हमेशा की तरह विजेता बनेंगी।