प्रभु राम पर फिसली स्टालिन के मंत्री की जुबान, भड़के महंत बालक दास 

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चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि भगवान राम के अस्तित्व का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।  डीएमके नेता के इस दावे पर संत समाज ने नाराजगी जाहिर की और पातालपुरी के अध्यक्ष महंत बालक दास ने कहा कि अगर इनके अंदर दम है तो मुसलमानों और मौलवियों पर बोलकर दिखाएं।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, उन्होंने कहा, “इन मंत्री संत्री को न इतिहास का पता है और न भूगोल का। इन लोगों को धार्मिक ज्ञान भी नहीं है. ये लोग हर बयान अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के मकसद से देते हैं, जो मुंह में आता है, वो बोल देते हैं. इन लोगों की मूर्खता अपने चरम पर पहुंच चुकी है। ऐसे लोगों को भगवान सदबुद्धि दें. इन लोगों का पार्टी में रहना भी उचित नहीं है. ये लोग मंत्री बने बैठे हैं, लेकिन इन लोगों को राम जी के इतिहास के बारे में कुछ भी नहीं पता है।

‘हिम्मत है तो मौलवियों और मुसलमानों पर बोलकर दिखाएं’

उन्होंने आगे कहा, ”अगर पता होता तो ये लोग इस तरह का बयान ही नहीं देते हैं। राम जी के संबंध में इतने सारे शास्त्र हैं, क्या इन लोगों को कभी इनके बारे में पढ़ा है। मुझे लगता है कि भगवान इन लोगों को दंड देंगे ही, लेकिन सरकार को भी ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इन लोगों में हिम्मत है, तो जरा मुस्लिम और मौलवी के बारे में बोलकर दिखाएं, ये लोग नहीं बोलेंगे। हिंदू नरम होता है, वो किसी भी प्रकार का हिंसा नहीं करना चाहता है। इसका ये योग फायदा उठाते हैं.”

क्या कहा था एमके स्टालिन के मंत्री ने?

दरअसल, डीएमके नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री शिवशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भगवान राम मंदिर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम से जुड़ा कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है, जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि भगवान राम का कोई अस्तित्व हो. उनके इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।

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