लगभग एक साल पहले सिंगापुर (Singapore) के करीब स्थित एक रणनीतिक भारतीय द्वीप चेन पर स्थानीय लोगों ने आकाश में एक असामान्य वस्तु देखी थी। यह एक विशाल गुब्बारे जैसा था, ठीक उसी प्रकार का जैसा कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने मार गिराया था। उस समय कोई नहीं जानता था कि यह क्या था। लेकिन जैसे ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर बात शुरू हुई, भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान सतर्क हो गया।
द्वीप बंगाल की खाड़ी में भारत के मिसाइल परीक्षण क्षेत्रों के करीब हैं। अधिकारियों ने कहा कि अब अमेरिका द्वारा एक गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद, यह कथित तौर पर चीनी निगरानी (Chinese surveillance) का हिस्सा था। भारतीय अधिकारी इसी तरह के खतरों का पता लगाने और भविष्य में और अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करने की अपनी क्षमता में सुधार करने के लिए प्रोटोकॉल विकसित करते हुए घटना पर फिर से विचार कर रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका ने संदिग्ध चीनी निगरानी गुब्बारे को गिराने के लिए एक महंगी Aim-9X Sidewinder missile का इस्तेमाल किया लेकिन भारत लड़ाकू विमानों या ट्रांसपोर्टर विमानों से जुड़ी भारी मशीन गन जैसे सस्ते विकल्पों का पक्षधर है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अधिकारी गुब्बारे की उत्पत्ति के बारे में अनुमान लगाने से हिचक रहे थे। भारत इस वर्ष G-20 बैठकों के समूह की मेजबानी कर रहा है और विकासशील देशों के कर्ज के बोझ को कम करने जैसे लक्ष्यों पर प्रगति करने के लिए कूटनीतिक बदलावों से बचने की कोशिश कर रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय, नौसेना और वायु सेना के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी मांगने वाले कॉल का तुरंत जवाब नहीं दिया।
नवंबर में चीनी नेता शी जिनपिंग (Chinese leader Xi Jinping) के साथ राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) की बैठक के बाद यूएस-चीन बैलून स्पैट ने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक टकराव पैदा कर दिया। चीन ने कहा है कि उपकरण एक नागरिक शिल्प था जो मौसम डेटा एकत्र कर रहा था। साथ ही चीन ने अमेरिका पर एक लड़ाकू जेट से इसे मार गिराने का आदेश देकर अति-प्रतिक्रिया करने का आरोप लगाया।