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कहीं भाई-बहन, तो कहीं ननद-भाभी है आमने-सामने

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जैसा कि आप जानते है चुनावी मौसम में परिवार के लोग और रिश्तेदार उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करते दिख रहे हैं। कुछ मुकाबले परिवार के सदस्यों या रिश्तेदारों के बीच हो रहा है। यह मुकाबला चचेरे भाई-बहन, ननद-भाभी और देवर-भाभी के बीच है। इस बार देश की कई सीटों राजनीति और चुनावी हितों ने खून के रिश्तों तो कहीं पारिवारिक रिश्तों को एक-दूसरे के सामने ला खड़ा किया है।

दरअसल महाराष्ट्र में बारामती सीट पर रोचक मुकाबला है। NCP शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले के सामने NCP अजित पवार गुट की सुनेत्रा पवार मुकाबले में हैं। सुनेत्रा रिश्ते में सुप्रिया सुले की भाभी हैं। वह महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी हैं। सुप्रिया अजित की चचेरी बहन हैं। भले ही यह लड़ाई ननद और भाभी की मानी जा रही हो, लेकिन असल में यह मुकाबला चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच वर्चस्व का है। अजित पवार की अगुआई में तमाम विधायकों के जाने से NCP में टूट हुई और नौबत पार्टी पर वर्चस्व से लेकर नाम और निशान तक पहुंच गई, उसके बाद चाचा-भतीजे के बीच रिश्तों में काफी तल्खी आ गई। माना जा रहा है कि बारामती से सुप्रिया की उम्मीदवारी के बाद ही अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को सुप्रिया के सामने उतारने का फैसला किया। बारामती पर पिछले पांच दशक से ज्यादा शरद पवार और उनके परिवार का वर्चस्व है। शरद पवार के अलावा उनके भतीजे अजित पवार और बेटी सुप्रिया सुले यहां से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

महाराष्ट्र में ही ननद-भाभी की तरह एक मुकाबला देवर-भाभी का है। उस्मानाबाद के नाम से जाने जाने वाले धाराशिव में शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने ओम राजे निंबालकर को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने महाराष्ट्र की महायुति गठबंधन ने NCP अजित पवार गुट के टिकट पर अर्चना पाटिल को उतारा है। अर्चना पाटिल धाराशिव से पूर्व मंत्री रहे डॉक्टर पदम सिंह पाटिल की बहू और BJP विधायक राणा जगजीत सिंह पाटिल की पत्नी हैं। इस नाते से दोनों के बीच देवर-भाभी का रिश्ता है। आठ बार के विधायक, तीन बार के MLC और पूर्व सांसद पदम सिंह पाटिल NCP के खाते से मंत्री रहे हैं, जो शरद पवार के काफी करीबी रहे हैं।

वही बतादे कि आंध्र प्रदेश की कडप्पा सीट पर मुकाबला दो ऐसे लोगों के बीच है, जो चेरे भाई-बहन हैं। राज्य के सीएम और YSR कांग्रेस के मुखिया जगन मोहन रेड्डी ने अपने चचेरे भाई वाई. एस. अविनाश रेड्डी को तीसरी बार लगातार इस सीट से लोकसभा में उतारने का फैसला किया है। उनके सामने जगनमोहन की बहन वाई. एस. शर्मिला कांग्रेस के टिकट पर चचेरे भाई दोनों को चुनौती दे रही हैं। आंध्र प्रदेश के लोगों का मानना है कि इस घरेलू सीट पर इस बार मुकाबला पारिवारिक विरासत और वर्चस्व पर अपनी दावेदारी और हिस्सेदारी को लेकर है। अविनाश इस सीट से मौजूदा लोकसभा सांसद हैं। वह जगनमोहन के करीबी माने जाते हैं। शर्मिला फिलहाल आंध्र प्रदेश में कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष हैं।

रिश्तों के बीच एक चुनावी मुकाबला ओडिशा में भी है। चिकिटी की असेंबली सीट पर दो सगे भाई आपस में टकरा रहे हैं। यह मुकाबला रवींद्रनाथ द्यान सामंत्रा और उनके भाई मनोरंजन द्यान सामंत्रा के बीच है। रवींद्रनाथ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि मनोरंजन BJP के टिकट पर उतरकर उन्हें चुनौती दे रहे हैं। द्यान सामंत्रा बंधु राज्य में कांग्रेस के कद्दावर नेता और असेंबली के स्पीकर रहे चिंतामणि द्यान सामंत्रा के बेटे हैं।