शर्मनाक है ओवैसी की जान की सलामती के लिए 101 बकरियों की बलि लेना
द न्यूज 15
नई दिल्ली। जिन लोगों के समर्थक उनकी जान की सलामती के लिए दूसरों की लेने की सोच रखते हैं और ये नेता मासूमों की जान लेने पर कुछ न बोलते हों तो समझ लीजिए ये देश के कितने हमदर्द हैं। कितने देशभक्त हैं। कितना देश के लिए काम रखने का जज्बा रखते हैं। जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वानी ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी को देशभक्त करार दिया तो ऐसा लगा कि जब सुब्रमण्यम स्वामी जैसे नेता असदुद्दीन ओवैसी की तारीफ कर हैं तो निश्चित रूप से उनमें कोई दम होगा। पहले तो ओवैसी अपने भाई के अनाप-शनाप बयानों पर चुप रहने और अब एक व्यवसायी के उनकी जान की सलामती के लिए १०१ बकरियों की बलि देने पर उनके चुप्पी साधने के बाद ओवैसी को देश और समाज के प्रति समर्पित नेता नहीं माना जा सकता है। ओवैसी को पढ़ा लिखा और रुढि़वादिता और टोटकों से दूर मानते हैं। कोई भी देशभक्त अपनी जान के नाम पर दूसरों की जान लेने की इजाजत तो कतई नहीं दे सकता है। देशभक्तों ने तो अपनी जान देकर दूसरों की जान बचाई हैं। जान यदि बेजुबानों की ले गई है तो आरोप और बढ़ जाती है। बकरे के बारे में तो कहा जाता है कि उसका जन्म ही कटने के लिए होता है पर १०१ बकरियों की बलि दे दी गई और देश और समाज की बात करने वाले नेता चुप्प रहे।
दरअसल लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की सलामती और लंबी उम्र की कामना करने के लिए रविवार को हैदराबाद के बाग-ए-जहांआरा में एक व्यवसायी ने 101 बकरियों की बलि दी है। बकरियों के बलिदान के लिए एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस आयोजन में मलकपेट विधायक और एआईएमआईएम नेता अहमद बलाला भी शामिल रहे। क्या किसी की जान की सलामती के लिए बेजुबानों की जान लेने को राजनीति कहा जा सकता है। क्या यह राजनीति देश और समाज के प्रति समर्पित राजनीति कही जा सकती है।
नई दिल्ली। जिन लोगों के समर्थक उनकी जान की सलामती के लिए दूसरों की लेने की सोच रखते हैं और ये नेता मासूमों की जान लेने पर कुछ न बोलते हों तो समझ लीजिए ये देश के कितने हमदर्द हैं। कितने देशभक्त हैं। कितना देश के लिए काम रखने का जज्बा रखते हैं। जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वानी ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी को देशभक्त करार दिया तो ऐसा लगा कि जब सुब्रमण्यम स्वामी जैसे नेता असदुद्दीन ओवैसी की तारीफ कर हैं तो निश्चित रूप से उनमें कोई दम होगा। पहले तो ओवैसी अपने भाई के अनाप-शनाप बयानों पर चुप रहने और अब एक व्यवसायी के उनकी जान की सलामती के लिए १०१ बकरियों की बलि देने पर उनके चुप्पी साधने के बाद ओवैसी को देश और समाज के प्रति समर्पित नेता नहीं माना जा सकता है। ओवैसी को पढ़ा लिखा और रुढि़वादिता और टोटकों से दूर मानते हैं। कोई भी देशभक्त अपनी जान के नाम पर दूसरों की जान लेने की इजाजत तो कतई नहीं दे सकता है। देशभक्तों ने तो अपनी जान देकर दूसरों की जान बचाई हैं। जान यदि बेजुबानों की ले गई है तो आरोप और बढ़ जाती है। बकरे के बारे में तो कहा जाता है कि उसका जन्म ही कटने के लिए होता है पर १०१ बकरियों की बलि दे दी गई और देश और समाज की बात करने वाले नेता चुप्प रहे।
दरअसल लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की सलामती और लंबी उम्र की कामना करने के लिए रविवार को हैदराबाद के बाग-ए-जहांआरा में एक व्यवसायी ने 101 बकरियों की बलि दी है। बकरियों के बलिदान के लिए एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस आयोजन में मलकपेट विधायक और एआईएमआईएम नेता अहमद बलाला भी शामिल रहे। क्या किसी की जान की सलामती के लिए बेजुबानों की जान लेने को राजनीति कहा जा सकता है। क्या यह राजनीति देश और समाज के प्रति समर्पित राजनीति कही जा सकती है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के मेरठ से दिल्ली जा रहे सांसद ओवैसी की कार पर 3 फरवरी को हुए हमले के बाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख ओवैसी के समर्थक उनकी सलामती और लंबी उम्र के लिए दुआ कर रहे हैं। हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असदुद्दीन ओवैसी के लिए जेड-श्रेणी की सुरक्षा को मंजूरी दी थी। हालांकि, उन्होंने इसे खारिज कर दिया।
ओवैसी पर हुए हमले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हमले के बाद हालांकि दो आरोपियों को गिरफ्तार करके उन्हें 14 दिन की जेल भी हो चुकी है, इसके बाद भी अभी कई और लोगों के हमले में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि हापुड़ में ऑल इंडिया AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गोलीबारी में इस्तेमाल हथियार मेरठ से खरीदे गए थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
ओवैसी पर हमले का वीडियो हुआ था वायरल
गाजियाबाद में ओवैसी पर फायरिंग के दौरान का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। वीडियो में साफ दिख रहा था कि एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की कार पर दो अज्ञात युवकों ने गुरुवार की दोपहर गोलियां चलाईं। सबसे पहले ओवैसी ने ट्वीट कर इस घटना की जानकारी दी। घटना दिल्ली-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के छिजारसी टोल प्लाजा पर हुई। पूरी घटना टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है। इसका वीडियो भी अब तेजी से वायरल हो रहा है। सीसीटीवी फुटेज में दो हमलावर दिखे थे। एक ने लाल रंग की हुडी पहन रखी थी और एक ने सफेद शर्ट पैंट पहना था। ओवैसी के काफिले की एक गाड़ी के धक्के से लाल हुडी पहने हमलावर घायल भी हुआ था।
ओवैसी पर हुए हमले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हमले के बाद हालांकि दो आरोपियों को गिरफ्तार करके उन्हें 14 दिन की जेल भी हो चुकी है, इसके बाद भी अभी कई और लोगों के हमले में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि हापुड़ में ऑल इंडिया AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की कार पर गोलीबारी में इस्तेमाल हथियार मेरठ से खरीदे गए थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
ओवैसी पर हमले का वीडियो हुआ था वायरल
गाजियाबाद में ओवैसी पर फायरिंग के दौरान का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। वीडियो में साफ दिख रहा था कि एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की कार पर दो अज्ञात युवकों ने गुरुवार की दोपहर गोलियां चलाईं। सबसे पहले ओवैसी ने ट्वीट कर इस घटना की जानकारी दी। घटना दिल्ली-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के छिजारसी टोल प्लाजा पर हुई। पूरी घटना टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है। इसका वीडियो भी अब तेजी से वायरल हो रहा है। सीसीटीवी फुटेज में दो हमलावर दिखे थे। एक ने लाल रंग की हुडी पहन रखी थी और एक ने सफेद शर्ट पैंट पहना था। ओवैसी के काफिले की एक गाड़ी के धक्के से लाल हुडी पहने हमलावर घायल भी हुआ था।