द न्यूज़ 15
नई दिल्ली। मजबूत मांग के बीच वैश्विक स्तर पर जिंस की आपूर्ति कम होने की खबरों के साथ ग्रेफाइट प्रोड्यूसर्स के शेयर आकर्षक हो गए हैं। ग्रेफाइट लिथियम बैटरी के उत्पादन के लिए आवश्यक एक प्रमुख घटक है। धातु लिथियम बैटरी को टूटने से बचाता है। इसके अलावा, स्टील और एल्युमीनियम के उत्पादन में ग्रेफाइट के इलेक्ट्रोड का उपयोग किया जाता है।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र से लिथियम-निर्मित बैटरियों की भारी वैश्विक मांग है, क्योंकि दुनिया तेजी से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए हरित गतिशीलता की ओर बढ़ रही है।
स्पष्ट कमी के बीच वाहन निर्माताओं से ग्रेफाइट की बढ़ती मांग के अनुरूप, इसके उत्पादन में काम करने वाली कंपनियों के शेयरों को झटका लगा है।
ग्रेफाइट इंडिया का शेयर पिछले एक साल में 56 फीसदी चढ़ा, जबकि एचईजी का शेयर 84 फीसदी चढ़ा।
ऐतिहासिक रूप से, पिछले पांच वर्षों में, ग्रेफाइट इंडिया के शेयरों में 446 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एचईजी में 885 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि चीन ग्रेफाइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके बाद मोजाम्बिक और ब्राजील का स्थान है।