The News15

Sharad Yadav is no more : शरद यादव को प्रखर सांसद ,सामाजिक न्याय के योद्धा के तौर पर सदा याद रखेगा देश

Spread the love

डॉ. सुनीलम

समाजवादी नेता और पूर्व मंत्री साथी शरद यादव जी नहीं  रहे। आज ही मुलतापी में हमने उन्हें याद किया था।
जब मुलतापी में पुलिस गोलीचालन हुआ, तब वे अपनी जान खतरे में डाल कर हवाई जहाज से मेरा पता लगाने मुलतापी पहुंचे थे। जहाज सड़क पर उतारा था।

 

25 दिसंबर को जब अनिल हेगड़े जी, सांसद के साथ बामनिया में था, तब हमने पूरे दिन उन्हें सिद्दत से याद किया था। वे लगभग हर वर्ष बामनिया मामाजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आते थे।
युवा जनता के अध्यक्ष से लेकर जनता दल अध्यक्ष तक हमारा साथ रहा।
वे खरी खरी कहने के लिए जाने जाते थे। कई बयान उनके अत्याधिक विवास्पद रहे ।
सुरेंद्र मोहन जी और जयपाल रेड्डी जी के बहुत करीबी साथी के तौर पर मैंने उन्हें देखा था ।
सामाजिक न्याय के मुद्दे पर उनकी  समझ बहुत स्पष्ट थी। समाजवादी होने के साथ साथ वे कबीरवादी हो गए थे। जैसा प्रखर रूप उनका मंडल के समय देखा था वैसा ही रूप हाल ही में जाति जनगणना के मुद्दे पर देखने मिला था। मध्य प्रदेश में पैदा होकर उन्होंने बिहार ओर उत्तर प्रदेश की राजनीति दमदारी के साथ की थी।
मधेपुरा ने उन्हें कभी हंसाया कभी रुलाया।
आखिरी दिन उनके अच्छे नहीं रहे।
मुझे उनकी एक बात बार बार याद आ रही है
मरने के बाद वाहवाही करने की बजाय यदि जीते जी
किसी व्यक्ति का अभिनंदन किया जाए तो उसकी उम्र बढ़ सकती है।
लंबी बीमारी के बाद  अधिकतर साथी उन्हें छोड़ गए थे।
उनकी कोठी भी छूट गई थी।
जो व्यक्ति जीवन भर हजारों लाखों के बीच रहा हो उसे अकेला छोड़ दिया जाना किसी सजा से कम नहीं हो सकती। वे एकदम अकेले हो गए थे। रेखा भाभी ने अधिकतम सेवा की।
मुझे याद है जब नीतीश जी ने वापस भा ज पा के साथ जाने का निर्णय लिया तब वे बिना  चिंता किए अलग हो गए । अंत में उन्होंने लालू यादव जी की पार्टी में अपनी पार्टी का विलय कर दिया था। यानी आजीवन समाजवादी राजनीति करते रहे।
कहते थे मै नहीं तो महफिल नहीं।
अब न शरद भाई रहे न ही उनकी महफिल ।
देश उन्हें प्रखर सांसद ,सामाजिक न्याय के शानदार योद्धा
के तौर पर सदा याद रखेगा। जिन्होंने छात्र नेता के तौर पर जबलपुर के सबसे बड़े सेठ को हराया था और संसद की मियाद बढ़ाने पर मधु लिमए जी के प्रस्ताव पर संसद से इस्तीफा तक दे दिया था।
इतना जरूर लिखूंगा उनका अपने ही नेता जॉर्ज फर्नांडिस को संसदीय दल के नेता के चुनाव में हराना मुझे पसंद नहीं आया था। अपनी ही पार्टी के भीतर
वैश्वीकरण के सामने उन्होंने मंडल की बड़ी लाइन खींचने में सफलता हासिल की थी।
किसान संघर्ष समिति और समाजवादी साथियों के सभी साथियों की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि
पिताजी की तबियत ज्यादा खराब होने के कारण आई सी यू में भर्ती होने के चलते ,शरद भाई के अंतिम दर्शन के लिए नहीं जा पा रहा हूं। परंतु शरद भाई यादस्त में सदा बने रहेंगे।
(लेखक पूर्व विधायक एवं किसान संघर्ष समिति मध्य प्रदेश के अध्यक्ष हैं)