चरण सिंह
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सही है या फिर गलत यह अलग विषय है पर सेबी के चीफ पद पर बैठा व्यक्ति यदि आईएएस न हो और उनके अलावा जितने भी चीफ रहे हों वे आईएएस रहे हों तो फिर यह माना जाता है कि कहीं कुछ न कुछ गलत तो हुआ है। वैसे भी यदि सेबी के चीफ किसी कंपनी में इन्वेस्ट किया था तो फिर लोगों की निगाह तो जाएगी ही।
दरअसल हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी की चीफ माधुबी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में माधबी की सफाई वाले बयान पर भी माधुबी घिरती हुई नजर आ रही हैं। री-ट्वीट करते हिंडनबर्ग ने लिखा है कि हमारी रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच की प्रतिक्रिया में कई जरूरी बातें स्वीकार की गई हैं और कई नए महत्वपूर्ण सवाल भी खडे़ हुए हैं। अडानी और पीएम मोदी के संबंधों को लेकर विपक्ष इसलिए बवाल मचाता रहा है क्योंकि 2014 में मोदी के चुनावी प्रचार का खर्चा अडानी के उठाने की बात सामने आई थी। जो हेलीकॉप्टर मोदी इस्तेमाल कर रहे थे वह अडानी का बताया जा रहा था। मोदी के पीएम बनने के बाडी देश के अधिकतर बड़े कॉन्ट्रेक्ट अडानी को ही दिए गए।
संसद में भी देखने में आया है कि अडानी का नाम पीएम मोदी से जोड़ने का खामियाजा संबंधित सांसद को उठाना पड़ा है। न केवल टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता इस मामले में गई बल्कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस मामले की चपेट में आ गए थे। संजय सिंह को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया था। अब माधबी पुरी बुच पर संगीन आरोप लगे हैं तो बीजेपी उनके बचाव में आ गई है। ऐसे में विपक्ष मामले को मुद्दा तो बनाएगा ही।