जोहान्सबर्ग, सार्स-सीओवी-2 के नए वैरिएंट की हालिया बढ़ोतरी को ट्रैक करने के लिए शोधकर्ता लगातार प्रयास कर रहे हैं, जो डेल्टा सहित अन्य वेरिएंट से भी खतरनाक बताया जा रहा है।
नया वैरिएंट, जिसे बी.1.1.529 के नाम से जाना जाता है, उसके दक्षिण अफ्रीका में कुछ मामले पाए गए हैं। डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को इस नए संक्रमण को ग्रीक शब्द ओमिक्रॉन नाम दिया है।
शोधकतार्ओं ने बोत्सवाना के जीनोम-सीक्वेंसिंग डेटा में बी.1.1.529 को पाया है। इस वैरिएंट को अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। इसमें स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक परिवर्तन शामिल हैं – सार्स-सीओवी-2 प्रोटीन, जो मेजबान कोशिकाओं को पहचानता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का मुख्य लक्ष्य निर्धारित करता है।
ऐसे कई बदलाव डेल्टा और अल्फा जैसे वेरिएंट में पाए गए हैं, और ये बढ़ी हुई संक्रामकता और संक्रमण-अवरोधक एंटीबॉडी से बचने की क्षमता से जुड़े हैं।
25 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में क्वाजुलु-नेटाल विश्वविद्यालय में एक संक्रामक-रोग चिकित्सक रिचर्ड लेसेल्स ने कहा, इस वैरिएंट के बारे में बहुत कुछ हमें भी समझ में नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा, म्यूटेशन प्रोफाइल ने हमारी चिंता बढ़ाई है, लेकिन अब हमें इस वैरिएंट के महत्व को समझने के लिए काम करने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीनोम सीक्वेंसिंग और अन्य आनुवंशिक विश्लेषण से पता चला है कि 12 से 20 नवंबर के बीच एकत्र किए गए गौटेंग से विश्लेषण किए गए सभी 77 वायरस नमूनों के लिए बी.1.1.529 संस्करण जिम्मेदार है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान टीके की 73,58,017 खुराकें देने के साथ ही भारत ने 121.06 करोड़ से अधिक कोविड रोधी टीके लगाने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। आज सुबह सात बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार देश का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 1,21,06,58,262 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गया है। टीकाकरण की इस सफलता को 1,25,40,268 सत्रों के जरिए प्राप्त किया गया।
मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा सभी प्रकार के स्रोतों से अब तक वैक्सीन की करीब 134 करोड़ से अधिक खुराकें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सरकारी स्रोत और राज्यों द्वारा सीधी खरीद प्रक्रिया के जरिए प्रदान की गई हैं।