Sahara Protest : सहारा के खिलाफ ऑल इंडिया जनांदोलन संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा ने सम्भाला मोर्चा
भुगतान को लेकर ऑल इंडिया जनांदोलन संघर्ष मोर्चा झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में निवेशकों और एजेंटों ने रांची में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर निवेशकों और एजेंटों ने सहारा इंडिया हमारा भुगातन करो, सुब्रत राय चोर है के नारे लगाये। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नागेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सहारा के सरगना सुब्रत राय ने उन निवेशकों और एजेंटों को सड़क पर दर-दर की ठोकरे खाने के लिए छो़ड़ दिया जिन्होंने उन्हें बुलंदी पर पहुंचाया। उनका कहना था कि सहारा से भुगतान न मिलने के रांची में निवेशकों और एजेंटों के सामने बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। लोग आत्महत्या करने को मजबूर हंै। एजेंट अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। उन्हें अपमानित होना पड़ रहा है। उन्होंने ऑल इंडिया जनांदोलन संघर्ष मोर्चा निवेशकों और एजेंटों की लड़ाई हर स्तर पर लड़ेगा।
दरअसल ऑल इंडिया जनांदालन संघर्ष मोर्चा ने पूरे देश में सहारा इंडिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसी महीने की 7 को धनबाद में 10 तारीख को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बड़ा आंदोलन है।अगले महीने महाराष्ट्र विधानसभा का घेराव करने की योजना है।
राजस्थान से भरतपुर से जयपुर तक रथ यात्रा के साथ जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बिहार में प्रदेश अध्यक्ष मोहित कुमार, संतोष अग्रवाल और अनिल सिंह की अगुआई में 38 जिलों में रथ यात्रा एवं अंत में गांधी मैदान में एक बड़ी जनसभा का आयोजन होगा। छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा का घेराव करने की तैयारी है। पंजाब के पटियाला में तिरंगा यात्रा एवं जन जागरूकता अभियान की शुरुआत होने जा रही है। आसाम में अक्टूबर में विधानसभा का घेराव होगा। मध्य प्रदेश में विधानसभा का घेराव होगा। छह अक्टूबर को देश के हर जिला मुख्यालय पर एक साथ क्रमिक आमरण अनशन एवं धरना प्रदर्शन होगा। 11 अक्टूबर को देश के हर जिला मुख्यालय पर एक साथ क्रमिक आमरण अनशन एवं धरना प्रदर्शन होगा।
दरअसल ऑल इंडिया जन आंदोलन न्याय मोर्चा के तत्वाधान में देशभर के सहारा पीड़ित जमा करता एवं कार्यकर्ता विगत 5 वर्षों से भुगतान की समस्या को लेकर काफी इंतजार किया कितने बेटियों की शादी टूट गई कितने बच्चों की पढ़ाई लिखाई बर्बाद हो गई कितने लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया कितने लोग बेघर हो गए कितने लोग आज एक एक रोटी के लिए तरस रहे हैं, यहां तक की हजारों लोग आत्महत्या जैसा कृत्य करने पर मजबूर हो गए लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी सहारा इंडिया के उच्च प्रबंधन एवं कंपनी के चेयरमैन को जरा भी अफसोस नहीं है इस विकट परिस्थिति में भी उच्च प्रबंधन नाच गाने और ठुमके लगा रहे हैं यह सब देखने से पता चलता है की यह उच्च प्रबंधन आपकी समस्याओं को लेकर कितना गंभीर है बताने की जरूरत नहीं है तो साथियों तो क्या हम लोग की जिंदगी इंतजार करते-करते खत्म हो जाएगी आखिर में हम लोग का गुनाह किया है हम लोग तो काम ही न किए हैं पैसा कंपनी को दिए हैं पैसा कंपनी के पास जमा है आज भुगतान कौन करेगा देश की सहकारिता विभाग सहारा इंडिया को इन सोसाइटी में काम करने का परमिशन दे रखा है आज सहारा इंडिया भुगतान नहीं देगा तो किसकी गलती तो सहकारिता विभाग सिर्फ परमिशन देने का काम करती है और जनता को लूट वाने का इस बात का आप लोग गौर कीजिए सहकारिता विभाग भारत सरकार के अधीन आती है इसके प्रमुख अमित शाह हैं तो अमित शाह की भी जिम्मेदारी बनती है इस देश की सरकार की जिम्मेदारी बनती है की सहारा इंडिया से पीड़ित जमा करता एवं कार्यकर्ताओं का भुगतान कराएं लेकिन अफसोस इस बात की देश की सरकार सहारा के उच्च प्रबंधन सिर्फ और सिर्फ बरगलाने का काम कर रहे हैं और हमारे साथी एक-एक करके इस धरती को छोड़कर जा रहे हैं और कितने लोग जीवन के अंतिम सांस का इंतजार कर रहे हैं तो साथियों तो डर किस बात की आप पैसा जमा करके क्यों डर रहे हो आप लोग से निवेदन अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए अपनी आवाज को विधानसभा पहुंचाने के लिए अपने आवाज को सांसद तक पहुंचाने के लिए अपनी आवाज विधायक एवं सांसद तक पहुंचाने के लिए अपनी आवाज देश की एडमिनिस्ट्रेशन ऑफीसर तक पहुंचाने के लिए अपनी आवाज इस गूंगी बहरी सरकार तक पहुंचाने के लिए बिना डर भय के घरों से निकलना पड़ेगा और देश के विभिन्न हिस्सों में प्रखंड स्तर जिला स्तर एवं राज्य की सभी राजधानियों में बड़े प्रदर्शन करने की आवश्यकता है ताकि देश की गूंगी बहरी सरकार देखें की भारत की एक बहुत बड़ी आबादी भुगतान से प्रभावित है और हम लोग का भुगतान कराने का जिम्मा ले क्योंकि परमिशन भारत सरकार ने दे रखा था जितनी सहारा दोषी है उससे कई गुना ज्यादा भारत सरकार भी गुनाहगार है तू इस कुंभकरण की नींद सोई भारत सरकार को जगाने के लिए अपनी पीड़ा रखने के लिए इस आर्थिक गुलामी से मुक्ति के लिए झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश से अपील इस आंदोलन की लड़ाई की शुरुआत झारखंड की राजधानी रांची से 2 सितंबर 2022 से आगाज होगा एवं 7 सितंबर 2022 धनबाद जिला में रणधीर वर्मा चौक पर सुनिश्चित किया गया है ।