राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राजस्थान प्रभारी ने सहारा पीड़ितों से सहारा इंडिया के अधिकारियों से सचेत रहने की अपील की
द न्यूज 15
जयपुर/उदयपुर। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा राजस्थान के प्रभारी विजय वर्मा ने कहा है कि उदयपुर के रीजनल मैनेजर वीडियो जारी कर कह रहे हैं कि कुछ लोग सहारा का बैनर लेकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि रीजनल मैनेजर द्वारा जारी किया गया एक वीडियो उदयपुर शहर के उन सहारा के लोगों का चेहरा है, जिन्होंने विगत 4 साल से गरीब जनता को खून के आंसू रुलाए हैं। वीडियो के अंदर जितने भी चेहरे दिखाई दे रहे हैं। वे गरीब जनता के साथ इमोशनल ब्लैकमेल कर रहे हैं। निवेशकों और एजेंट को धोखा कर रहे हैं। गरीब जनता को झूठे आश्वासन देकर ठगने की योजना बना रहे हैं। विजय वर्मा ने कहा है कि हम चुनिंदा साथी अगर संस्था में काम हो चुके हैं और निवेशकर्ताओं का भुगतान मांग रहे हैं तो इसमने गलत क्या है ? उन्होंने कहा है कि वीडियो में बोलने वाले अधिकारी और बनाने वाले को खुला चैलेंज है कि अगर उनकी संस्था और मैनेजमेंट इतना ईमानदार है तो सभी अधिकारियों से कहना है कि वे लोग पीड़ित साथियों निवेशकों का भुगतान क्यों नहीं करवा पा रहे हैं ? उन्हें गुमराह कर रहे हैं ?
विजय वर्मा ने कहा है कि साथियों हमारे मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। उदयपुर के मैनेजमेंट से पूछने के लिए कि जब आप और आपकी संस्था इतनी सही है यह तो पूरे देश के लोग लोग आंदोलन क्यों कर रहे हैं ? संसद और विधानसभाओं में मामला क्यों उठ रहा है ? क्यों लोगों की रोजी-रोटी छिन रही है। विजय वर्मा ने कहा है कि साथियों मेरा इन अधिकारियों से सवाल है कि उदयपुर शहर में तमाम ब्रांच ऑफर लगभग दो से ढाई हजार कार्यकर्ता कार्यरत थे जो किसी न किसी तरह से इस कंपनी के अंदर पैसा जमा कर आते थे अपने रिश्तेदारों का अपने परिचितों का अपने मित्रों का और अपने जमा करता मेरा एक ही सवाल है कि आपने गरीब जनता को पैसा दिलाने के लिए विगत 4 साल से क्या ठोस कदम उठाए ?विजय वर्मा ने कहा है कि उदयपुर में दो से ढाई हजार एजेंटों के निवेश करता कई लाखों की संख्या में है और आज परिस्थितियां जहां तक हो गई है पिंजोर रेगुलर कार्य कर रहे थे जो इसी के ऊपर निर्भर थे कितने ही एजेंट पीड़ित कार्यकर्ता इतने टेंशन में हैं कि ना तो वह दूसरा काम कर पा रहे हैं और ना ही अपने जमा करता हूं को कोई जवाब दे पा रहे हैं। साथियों उदयपुर के जितने भी पीड़ित कार्यकर्ता हैं उन सभी कार्यकर्ताओं के दो या 3 जमा करता भुगतान नहीं मिलने के कारण आज वह इस दुनिया में नहीं है मेरा उदयपुर के सभी अधिकारियों से एक ही सवाल है कि जो जमा करता या उसके परिवार में नहीं रहा उसके परिवार को उस पीड़ित जमा करता को या कार्यकर्ता को आपकी संस्था ने क्या मदद की ? क्या उस पीड़ित निवेशकर्ता या कार्यकर्ता का भुगतान मरने के बाद भी दे दिया है ? अगर यह इतने सही है तो मेरे सवालों का जवाब दें ? विजय वर्मा ने कहा है कि साथियों उदयपुर के अंदर जितने भी कंपनी के फेवर में अपने निवेशकर्ताओं के साथ धोखा कर रहे हैं। मेरा उनसे एक ही सवाल है कि अगर कंपनी इतनी सही है तो उदयपुर की जनता को भुगतान देने में क्यों पीछे हट रहे हैं ?
विजय वर्मा ने कहा है कि तमाम सरकारी तंत्रों ने आज खुली लूट मचा रखी है। सहारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के अधिकारियों ने जमाकर्ताओं के साथ अंधेरे में रखकर झूठे आश्वासन देकर गलत गलत आंकड़े दिखाकर तो क्यों ना आए, इनके ऊपर चिटफंड एक्ट के तहत जो राजस्थान में सबसे पहले लागू किया था। उस नियम के तहत कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ? विजय वर्मा ने कहा है कि साथियों कितने ही जमाकर्ताओं के काम बिगड़े हैं। किसी के घर में किसी अपने की डेथ हो गई किसी के बच्चे का रिश्ता टूट गया, किसी के मकान का काम अटका हुआ है और कोई इलाज के लिए हॉस्पिटल में तड़प रहा है और यहां के रीजनल मैनेजर और चुनिंदा साथी कंपनी के फेवर में बोलकर आम जनता को कानूनी कार्रवाई करने से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। अगर सहारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी और उनका मैनेजमेंट इतना सही होता तो कोई ऐसा प्लान लेकर आता की इमरजेंसी वालों को प्राथमिकता के आधार पर परसेंटेज के आधार पर उनको भुगतान दिया जाता है लेकिन इन अधिकारियों को और चुनिंदा मैनेजरों को आम जनता से कोई लेना देना नहीं है। केवल इनको इनकी तनख्वाह और इनके परिवार की ही पड़ी है। इसलिए जनता से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने भुगतान के लिए और कानूनी कार्रवाई करने के लिए आगे आना होगा। अपने भुगतान के लिए जितना हो सके दबाव बनाएं क्योंकि अभी भी झूठ ही बोलने की ट्रेनिंग ले रहे हैं कंपनी से के गरीब जनता को कैसे झूठे आश्वासन देने हैं। उन्होंने कहा है कि साथियों यह अधिकारी आज जिस तरह से वीडियो बनाकर डाल रहे हैं, इससे प्रतीत होता है कि कुछ समय से इनकी सैलरी नहीं मिलने के कारण ये परेशान हैं। इस तरह से जो पीड़ित साथी कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। उनको बदनाम कर रहे हैं। वकीलों की टीम को बदनाम कर रहे हैं, जो गरीब जनता को न्याय दिलाने में मदद कर रहे हैं।