रूस-यूक्रेन संकट: कोई कर रहा फ्लाइट में बैठने का इंतजार, तो किसी का लिस्ट में नहीं है नाम, दो बहनें बॉर्डर पर विमान का कर रहीं इंतजार

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द न्यूज 15 
ग्रेटर नोएडा । यूक्रेन में फंसे ग्रेटर नोएडा के कई छात्र विपरीत परिस्थितियों के बीच रहकर स्वदेश वापसी के लिए मेहनत कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के तुगलपुर में रहने वाले हितेंद्र चेची पौलेंड एयरपोर्ट से फ्लाइट मिल गई है, जबकि अस्तौली में रहने वाली सगी बहनें अलग-अलग बॉर्डर पर फ्लाइट का इंतजार कर रही है। साथ ही कई छात्र अभी बार्डर और शेल्टर होम में रहकर फ्लाइट के लिए लिस्ट में अपने नाम इंतजार कर रहे हैं।

दोनों बहने बिगड़ने के बाद मिलना नहीं हो पाया : ग्रेनो के अस्तौली गांव में रहने वाली सगी बहन मोनिका और आंचल रोमानिया और बुखारेस्ट एयरपोर्ट के समीप शेल्टर में फंसी हुई है। दोनों बहन पिछले दो दिन से फ्लाइट से स्वदेश वापसी के लिए एक-एक पल इंतजार में लगी है। उनके पिता ब्रिजेंद्र भाटी ने बताया कि छोटी बेटी परसों से बुखारेस्ट एयरपोर्ट के पास शेल्टर होम में रुकी हुई है। उसको फ्लाइट के लिए लिस्ट में नाम नहीं आ पाया है, जबकि बड़ी बेटी आंचल रोमानिया बार्डर के समीप एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक शेल्टर में रुकी हुई है। दोनों बेटियां एयरलिफ्ट होने के लिए फ्लाइट का इंतजार कर रही है, लेकिन अब दोनों अगल हो गई है।

ग्रेनो की अंसल गोल्फ लिंक सोसाइटी में रहने वाले संचित शर्मा पिछले कई दिनों से रोमानिया बॉर्डर के पास एक शेल्टर होम में फंसे हुई है। पिछले तीन दिन से वे फ्लाइट के लिए इंतजार कर रहे है, लेकिन कोई मदद नहीं मिला पा रही हैं। शेल्टर होम से कई भारतीय छात्रों का लिस्ट में नाम आ रहा है, लेकिन इनका नाम न आने की वजह से दिक्कते बढ़ गई हैं। वही यहा पर स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। संचित ने बताया कि फ्लाइट के लिए नाम न आने पर पैदल की एयरपोर्ट निकल गए थे,लेकिन वहा नाम न आने की वजह से वापस लौटना पड़ा।

पौलैंड से मिली फ्लाइट, सुबह तक पहुंच जाएगे घर : ग्रेटर नोएडा के तुगलपुर रहने वाले हितेंद्र यूक्रेन के कीव में पिछले कई दिनों से बंकर में फंसे हुए थे। मंगलवार को हितेंद्र ने कीव स्टेशन से ट्रेन लेकर पौलैंड एयरपोर्ट पहुंच थे। बुधवार दोपहर करीब एक बजे भारतीय सेना का जहाज मिला है। कड़ी मेहनत के बाद बच्चा फ्लाइट में बैठा है, जोकि काफी खुशी है। हितेंद्र के चाचा मनोज चौधरी ने बताया कि वे कीव की एक यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे है। हिंतेंद्र बढ़ते हमलो के बीच बंकर में फंसे हुए थे, जिसके बाद कीव के स्टेशन पर पहुंचे। ऐसे में यूक्रेन के नागिरको ने वहा पर गलत व्यवहार करते हुए ट्रेन में नहीं जाने दिया था। ऐसे में कड़ी मशक्कत के बाद पौलैंड बार्डर पर पहुंचे थे, जिसके बाद अब एयरपोर्ट से फ्लाइट मिला गई है। अनुमान है कि वे सुबह करीब पांच बजे तक घर आ जाए।

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