दिल्ली नगर निगम के चुनाव को पूरे हुए 3 महीने होने वाले है,लेकिन अभी तक दिल्ली को अपना मेयर नहीं मिला है। दरसअल दिल्ली में लगातार तीसरी बार हंगामे के चलते मेयर चुनाव की प्रकिया रद्द कर दी गई है। आपकों बता दें इससे पहले भी मेयर चुनने की दो कोशिशे नाकाम रही थीं। वहीं ‘आप’ (AAP) की ओर से शैली ओबरॉय (Shaily Oberai) मेयर पद की दौड़ में शामिल हैं। आज मेयर और डिप्टी मेयर के साथ एमसीडी की स्थायी समिति के छह सदस्यों का भी चुनाव होना था। लेकिन चुनाव से पहले ही एक बार फिर दोनों पार्टियों में चुनावी धमासान शुरू हो गया। सदन में पीठासीन अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को वोटिंग नहीं करनी है वह लोग सदन से बाहर जाये। जिसके बाद हंगामा और तेज हो गया वही विपक्षी दल लगातार ”आप पार्षद लगातार वापस जाओ, वापस जाओ के नारे” लगाने लगे। बाद में हंगामा शांत नहीं होते देख सदन स्थगित कर दिया गया।
आपको बता दें कि इससे पहले 6 और 24 जनवरी को हुई एमसीडी की बैठक में हंगामे के चलते मेयर का चुनाव नहीं हो पाया था। 24 जनवरी को सभी पार्षदों ने शपथ ले ली थी। लेकिन उसके बाद एमसीडी सदन में आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच हंगामा हो गया था। सोमवार को हुए हंगामे के पीछे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भाजपा के पार्षदों को दोषी बताया है। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि MCD में बीजेपी के पार्षद बिना बात हंगामा करके आज भी मेयर का चुनाव नहीं होने दे रहे है। AAP के पार्षद शांत बैठे है लेकिन BJP पार्षद बिना बात हंगामा मचा रहे हैं।
इस दौरान पीठासीन अधिकारी ने आम आदमी पार्टी के पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल से कहा कि वह अपने सहयोगियों को शांत करवाएं, और मेयर का चुनाव होने दें। पीठासीन अधिकारी ने आगे कहा कि, जनता ने उन्हें दिल्ली की सेवा करने के लिए भेजा है, बार-बार हंगामा करना ठीक नहीं। इसके बाद भी जब पार्षदों का हंगामा नहीं रुका तो उन्होंने सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया है। 10 मिनट बाद पीठासीन अएधिकारी फिर वापस आई। लेकिन स्थाई समिति की पूर्व अध्यक्ष रहीं भाजपा पार्षद शिखा राय ने पीठासीन अधिकारी के सामने मांग रखी है कि आम आदमी पार्टी के दो विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी व एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज है इसलिए उन्हें वोट देने का हक ना दिया जाए। इसके बाद सदन में फिर से हंगामा बढ़ गया।