चरण सिंह
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिलना और ईडी का आदेश की कॉपी जारी हुए बिना हाईकोर्ट में याचिका दायर करना, दिल्ली हाईकोर्ट का सुनवाई पूरी हुए बिना जमानत पर रोक लगा देना एक फिल्म की स्क्रिप्ट का हिस्सा लगता है। जिस तरह से राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाई है और आदेश में कहा है कि ईडी के रवैये से लगता है कि जैसे पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जांच चल रही हो। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट का जमानत पर रोक लगाना जल्दबाजी लग रही है। बताया जा रहा है कि राउज एवेन्यू कोर्ट में सात घंटे तक बहस चली पर ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में दलील दी कि निचली अदालत ने उसे पर्याप्त समय नहीं दिया।
हाईकोर्ट में वीडियो कॉल पर केजरीवाल के वकील मनु सिंघवी ने कहा कि अब सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है। मनु सिंघवी की दलील को हाईकोर्ट ने कोई खास तवज्जो नहीं दी। अब दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश ही बताएगा कि केजरीवाल के साथ क्या होने वाला है। यदि दिल्ली हाईकोर्ट केजरीवाल की जमानत रद्द कर देता है तो फिर आम आदमी पार्टी का सुप्रीम कोर्ट जाना तय है। वैसे भी आप सांसद संजय सिंह ने मामले को लेकर मोदी की ईडी का यह खेल करार दे दिया है।
दरअसल अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार कर रखा है। जांच पूरी होने तक केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा है। वह तिहाड़ जेल में बंद हैं। देखने की बात यह है कि दिल्ली सरकार की शराब नीति में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई की सिफारिश की थी। केजरीवाल टीम का कहना है कि क्योंकि बीजेपी दिल्ली में उसे हरा नहीं पा रही है। ऐसे में वह दूसरे हथकंडे अपनाकर आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहती है। केजरीवाल जब दो जून तक अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आये थे तो उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला बोला था।
दिल्ली के लोगों से अपील की थी कि यदि वे उन्हें जेल से बाहर निकालना चाहते हैं तो फिर उन्हें दिल्ली की सातों सीटें दीजिए। अब दिल्ली ने तो उन्हें एक भी सीट नहीं दी। ऐसे में यह कहा ही जा सकता है कि दिल्ली की जनता नहीं चाहती कि केजरीवाल जेल से बाहर आएं। दरअसल केजरीवाल दिल्ली में फ्री की योजनाओं के आधार पर काम कर रहे हैं। जैसे उन्होंने बिजली पानी फ्री तथा महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह के साथ ही डीटीसी में फ्री सफर करने की सुविधा प्रदान कर रखी है। हां यह जरूर कहा जा सकता है कि थोड़ा बहुत काम उन्होंने शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में भी किया है।
आरोप है कि केजरीवाल झूठ तो मुंह भरकर बोलते हैं। यही वजह है कि दिल्ली के लोग चाहते हैं कि उनके बीच में आकर वह अपनी सफाई दें। इसमें दो राय नहीं कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सभी सीट गंवाने वाले केजरीवाल अब जेल से बाहर आकर उस रूतबे से नहीं बोलने पाएंगे जिस रुतबे के साथ वह लोकसभा चुनाव में बोल रहे थे। क्योंकि केजरीवाल की पहली प्राथमिकता पार्टी और अपनी मजबूती प्रदान होगा। दिल्ली में जल संकट केजरीवाल के लिए बड़ा मुद्दा है। यदि केजरीवाल तत्काल रूप से जेल से बाहर आ जाते हैं तो सबसे पहले ही जल संकट का समाधान कर दिल्ली के लोगों की वाहवाही लूटना चाहेंगे। हालांकि केजरीवाल टीम का रवैया रहा है कि चाहे जल संकट हो या फिर जलजमाव की समस्या वह सारा का सारा दोष केंद्र सरकार पर मढ़ देते हैं। यही वजह है कि उन पर की जा रही कार्रवाई के पीछे भी वह भारतीय जनता पार्टी का हाथ बता रहे हैं।