चरण सिंह
अमेठी और रायबरेली सीट पर अभी तक कांग्रेस का प्रत्याशी न उतारना देश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह हालत तब है जब दोनों ही सीटें गांधी परिवार की परंपरागत सीटें रही हैं। अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा काफी समय से चल रही है। शनिवार को कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक भी हुई पर कोई हल न निकल सका। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी से अमेठी और प्रियंका गांधी से रायबरेली से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया गया। मतलब कांग्रेस में भले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हों पर चलती गांधी परिवार की ही है।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। वह चुनाव प्रचार में रहना चाहती हैं। राहुल गांधी पर भी सस्पेंस है। हां प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा जरूर अमेठी से चुनाव लड़ने का दंभ भर रहे हैं। उनका कहना है कि देश चाहता है कि वह सांसद बनें। वह बार-बार अमेठी की चर्चा करते हुए कह रहे हैं कि अमेठी की जनता उनको अपना सांसद देखना चाहती है।
उन्होंने 1999 के सोनिया गांधी के चुनाव की चर्चा करते हुए वह उस चुनाव प्रचार में गये थे और उनको जितना कर आये थे। प्रियंका गांधी के भी अपने पति को राजनीति में लाने की बात सामने आ रही है। शायद इसी नाराजगी की वजह से उन्होंने रायबरेली से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। वैसे स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए सोनिया गांधी रायबरेली सीट छोड़ राजस्थान से राज्यसभा में पहुंची हैं।
दरअसल सोनिया गांधी को अंदेशा था कि यदि वह रायबरेली से चुनाव हार गईं तो उनसे दस जनपथ छीना जा सकता है। इसलिए वह राज्यसभा में चली गईं। अब रायबरेली से प्रियंका गांधी भी चुनाव लड़ने से इनकार कर रही हैं। तो क्या कांग्रेस की राय बरेली से हालत ज्यादा है ? खराब है तो क्या गांधी परिवार की परंपरागत सीट इस बार कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगी ?
ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब वरुण गांधी ने प्रियंका गांधी के सामने चुनाव लड़ने से इनकार किया है। ऐसे में जब प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने से इनकार कर रही हैं तो फिर वरुण गांधी रायबरेली से चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते ? मतलब ऐसे में वरुण गांधी राय बरेली से ताल ठोक सकते हैं। राहुल गांधी की हालत केरल के वायनाड से खराब बताई जा रही है। वहां से भाकपा महामंत्री डी राजा की पत्नी एनी राजा चुनाव लड़ रही हैं।
वामपंथियों ने राहुल गांधी का विरोध भी किया है। ऐसे में राहुल गांधी अमेठी की ओर भी रुख कर सकते हैं। अमेठी में स्मृति ईरानी से ज्यादा लोग राहुल गांधी को पसंद कर रहे हैं। कांग्रेस का माइनस प्वाइंट यह भी है कि इस समय लोगों में वंशवाद के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। ऐसे में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी दोनों को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है।