Ram Mandir : कांग्रेस के राम लला की प्राण प्रतिष्ठा में जाने से इनकार करने को बीजेपी ने बनाया मुद्दा

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सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी ने ठुकरा दिया है कार्यक्रम में जाने के निमंत्रण को

कांग्रेस नेताओं के अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम मेंं जाने से इनकार करने को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अपने पाप धुलने का एक अच्छा मौका था पर कांग्रेस ने वह मौका गंवा दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राम और हिन्दुत्व विरोधी है। सोमनाथ मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू नहीं गये थे। अब सोनिया गांधी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि यह सनातनियों का अपमान है। कांग्रेसियों के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में न जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कांग्रेस पर भड़ास निकाली है। कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए स्मृति ईरानी ने कहा है कि कांग्रेस हिन्दू विरोधी पार्टी है।
दरअसल २२ जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण मिला था। कांग्रेस के इन नेताओं ने कार्यक्रम आरएसएस और बीजेपी का बताते हुए जाने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ही नहीं वामपंथी नेताओं ने भी यह सियासी कार्यक्रम बताते हुए जाने से इनकार कर दिया है। उधर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने विश्व हिन्दू परिषद के नेता आलोक कुमार को ऐरा गैरा बताते हुए निमंत्रण को ठुकरा दिया है।
दरअसल भले ही राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठ राम जन्म भूमि तीर्थ स्थल ट्रस्ट कर हो पर इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। कार्यक्रम में मोदी के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी संबोधित करना है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि क्या वे लोग मोदी और मोहन भागवत का भाषण सुनने जाएंगे। यदि वहां पर भाषण कार्यक्रम है तो फिर विपक्ष के किसी नेता का भाषण क्यों नहीं रखा गया। विपक्ष का आरोप है कि राम मंदिर के अधूरे निर्माण में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा कराना हिन्दू संस्कार के हिसाब से गलत है। उनका कहना है कि यह सब लोकसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए किया जा रहा है। जब २२ जनवरी को दिवाली मनानी है तो फिर दीवाली के दिन ही राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा क्यों नहीं की जा रही है। दरअसल दो शंकराचार्यांे ने भी इस कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया है।

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