पंजाब के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
द न्यूज 15
नई दिल्ली/चंडीगढ़। पांच राज्यों में चुनाव के बाद अब किसान नेता राकेश टिकैत ने फिर से किसान आंदोलन की चेतावनी मोदी सरकार को दी है। उन्होंने सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी मांगों से अवगत कराया है। दरअसल गत साल खत्म हुए आंदोलन के दौरान टिकैत बड़े किसान नेता के रूप में उभर कर सामने आए थे। किसान आंदोलन की बढ़ती लोकप्रियता और पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने नवंबर 2021 में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया था।
शुक्रवार को मोहाली में टिकैत ने करीब 50 फार्म यूनियन और सामाजिक संगठनों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है और अगर केंद्र को लगता है कि संयुक्त किसान मोर्चा बंट गया है तो वे गलत हैं। राकेश टिकैत ने उनकी मांगें न मानने की स्थिति में फिर से आंदोलन होने की चेतावनी दी है।
दरअसल किसानों ने बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा के सदस्यों के स्थाई प्रतिनिधित्व को खत्म करने का फैसला वापस लेने की मांग की है। इसके अलावा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस की किताबों में सिख इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई और आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की है।
इसके अलावा किसान नेता किसान कैदियों की रिहाई, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए कानून और एमएसपी के तहत सभी फसलों की खरीद की गारंटी की मांग कर रहे हैं। टिकैत और डॉक्टर दर्शन पाल के नेतृत्व में 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बनवाली लाल पुरोहित के जरिए राष्ट्रपति कोविंद को मेमोरेंडम सौंपा है।
शुक्रवार को मोहाली में टिकैत ने करीब 50 फार्म यूनियन और सामाजिक संगठनों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है और अगर केंद्र को लगता है कि संयुक्त किसान मोर्चा बंट गया है तो वे गलत हैं। राकेश टिकैत ने उनकी मांगें न मानने की स्थिति में फिर से आंदोलन होने की चेतावनी दी है।
दरअसल किसानों ने बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा के सदस्यों के स्थाई प्रतिनिधित्व को खत्म करने का फैसला वापस लेने की मांग की है। इसके अलावा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस की किताबों में सिख इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई और आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की है।
इसके अलावा किसान नेता किसान कैदियों की रिहाई, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए कानून और एमएसपी के तहत सभी फसलों की खरीद की गारंटी की मांग कर रहे हैं। टिकैत और डॉक्टर दर्शन पाल के नेतृत्व में 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बनवाली लाल पुरोहित के जरिए राष्ट्रपति कोविंद को मेमोरेंडम सौंपा है।