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Rajasthan Politics : अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला गहलोत सरकार ने

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक वाजिब अली ने अपनी ही सरकार के मंत्रियों एवं नौकरशाही पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि अनेक विभागों में जनता से जुड़े काम नहीं हो रहे हैं। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक वाजिब अली ने अपने ही सरकार के मंत्रियों एवं नौकरशाही पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि अनेक विभागों में जनता से जुड़े काम नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रियों का यह रवैया ठीक नहीं है और ऐसा ही रहा तो इसका नुकसान आने वाले चुनाव में उठाना पड़ सकता है।

ज्ञात हो कि भरतपुर के नगर विधायक वाजिब अली, उन छह विधायकों में एक हैं जो 2018 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गये थे। अली ने कहा कि बहुत से मंत्री ऐसे हैं जिनके विभाग में कोई काम नहीं होता है। उन्होंने कहा कि बहुत से मंत्रियों का रवैया ऐसा है कि मानो वे जिंदगी भर के लिए मंत्री बन गये हों, लेकिन ऐसा है नहीं। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा विभाग में उर्दू शिक्षकों की भर्ती एवं स्कूलों में उर्दू विषय शुरू किये जाने के लंबित मामलों का जिक्र किया ।

विधायक ने कहा कुछ विभागों में काम ही नहीं होता है। अली ने कहा कि ये सभी जनता से जुड़े मामले हैं और अगर इनका समाधान नहीं होता है तो निश्चित रूप से इसका नुकसान आगामी चुनाव में होगा। राज्य में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दोबारा बनाने के लिए अकेले मुख्यमंत्री की मेहनत से ही कुछ नहीं होगा हम सभी को मेहनत करनी होगी। हम तो मेहनत कर रहे हैं लेकिन जो नहीं कर रहे हैं उन्हें खामियाजा भुगतना होगा। दरअसल बसपा के टिकट पर विधानसभा सभा चुनाव 2018 जीतने वाले छह विधायक राजेंद्र लुढ़ा, लखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली सितम्बर २०१९ में कांग्रेस में शामिल हो गये थे।

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