Quad Summit 2022
Quad Summit : प्रधानमंत्री मोदी 23 मई को जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित हो रही Quad नेताओं की शिखर बैठक में शामिल होंगे। ये बैठक दो दिन चलेगी। जापान यात्रा के दौरान दोनो देशों के प्रधानमंत्री आपस में मिलेंगे साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगी इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के नए पीएम से भी होनी हैं।
इस बार की Quad मीटिंग को In Person मीटिंग बचाया जा रहा है जो कि रुस- यूक्रेन युद्ध मीटिंग के बाद आयोजित होने जा रही जिसमें मुख्यतः हाइड्रोजन समेत वैकल्पिक ईंधन पर सहयोग की बात की जाएगी जिससे कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सके। इसके अलावा तकनीक पर तालमेल की बात की जाएगी। तो चलिए जानते है कि क्या बला है ये Quad Summit।
क्या है Quad –
चतुर्भुज का उपनाम Quad हैं जिसका मतलब आप चार से लगा सकते हैं। इसी प्रकार Quad देशों का मतलब चार देशों से है जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान से हैं। इसी मीटिंग में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री 22 मई की रात भरेंगे जापान के लिए उड़ान।
गठन कब और कैसे हुआ –
Quad का गठन दिसम्बर 2004 में आई सुनामी से हुआ। जब हिन्द महासागर में स्केल 9MW की तीव्रता का भूकंप आया जिसे अब तक का सबसे तीव्र भूकम्प माना गया। समुद्र में आए इस भूकंप के कारण उठी सुनामी ते चलते इंडोनेशिया से उठा तूफान तमिलनाडु, अंडमान निकोबार, बांग्लादेश श्री लंका यहां तक कि इसका प्रभाव अफ्रीका के देशों तक पहुंचा। इस सुनामी के कारण भारी संख्या में जनहानि हुई। करीब लाखों की संख्या में।
इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना ने बचाव कार्य किया इसी के साथ अन्य देश सामने आये जिसमें से अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया देश भी शामिल थे। इस पर 29 दिसम्बर 2004 को अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी बोला कि इन देशों को साथ आना चाहिए। लेकिन क्वाड का गठन इसके 2 साल बाद 2006 में हुआ। भारत के राष्ट्रपति जापान आए और दोनों देशों की प्रतिनिधित्व करते हुए Quad का गठन किया। उस समय जापान के राष्ट्रपति शिंजो आबे थे। Quad की पहली बैठक (First Quad Summit) मई 2007 में हुई थी।
इस पहली बैठक (First Quad Summit) में भारत के राष्ट्रपति मनमोहन सिंह, जापान के राष्ट्रपति शिंजो आबे, ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रपति john howard और अमेरिका के वाइस पेसिडेंट dick cheney भी शामिल हुए थे।
इन देशो का साथ में आकर काम करने को चीन के खिलाफ साथ आकर उसके दबदबे से उबरने के तौर पर भी देखा जा रहा था। लेकिन Quad के गठन के बाद सभी देशों ने इस मामले को ठंडे बस्ते में दाल दिया। जापान में शिंजो आबे के इस्तीफे के देने भारत भी चीन से कई महत्वपूर्ण समझौते कर रहा था। अमेरिका की तरफ से भी किसी प्रकार के कोई आक्रामक तेवर नहीं दिखें।
लेकिन समय के साथ चीन की दमनकारी नीतियां सामने आने लगी और सभी देशों ने फिर एक बार सामने आने का फैसला लिया इसे ही क्वाड 2.0 कहा जाता है और इसके पहले के दौर को Quad 1.0 कहा जाता है। इस साल मार्च में रूस यूक्रेन के युद्ध के चलते Quad की मीटिंग हुई थी। लेकिन ये एक आनलाइन वर्चुअल मीटिंग थी।
कब – कब Quad 2.0 की हुई मीटिंग –
- Quad की इन पर्सन पहली मीटिंग (Quad Summit 2021) 2021 में अमेरिका के वाईट हाउस में हुई।
- इसके पहले मार्च 2020 में Quad प्लस की मीटिंग हुई।
- रुस – यूक्रेन के युध्द के बाद मार्च 2022 में मीटिंग हुई।
लेकिन कुछ स्तंभकार इस Quad बैठक को चाइना को बढावा देने वाली मीटिंग बता रहे है उनके अनुसार इन देशों को साथ आ कर आपस में व्यापार बढ़ाने पर काम करना चाहिए बजाय चाइना से व्यापार बढ़ाने के।
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हालांकि आधिकारिक तौर पर Quad Summit को कभी चाइना के खिलाफ नहीं बताया गया इसे व्यापार, पर्यावरण सुरक्षा के प्रति चिंतित इसके साथ सप्लाई चेन को बढावा देने के लिए बताया गया हैं लेकिन चाइना शुरुआत से ही इसका विरोध करता आ रहा है चाइना इसे Asia का नाटो के नाम देता है। इस बयान के विरोध में भारत हमेशा से इसे लोकतांत्रिक देशों का संगठन बताता हैँ।