दिल्ली की सत्ता में पूर्वांचल की बढ़ती पकड़

0
4
Spread the love

 -पंकज कुमार सिंह को मंत्री बनाकर बीजेपी ने दिया बड़ा संदेश

-पहली बार विधायक बने पंकज सिंह को मंत्री पद

-पूर्वांचल के वोटरों को साधने की बीजेपी की रणनीति

-दिल्ली से यूपी-बिहार तक बीजेपी की सियासी बिसात

दीपक कुमार तिवारी

नई दिल्ली/पटना। दिल्ली की राजनीति में पूर्वांचल के वोटरों की अहमियत किसी से छिपी नहीं है। दिल्ली की सत्ता पर कोई भी काबिज हो, बिहार और यूपी के लोगों की बड़ी भूमिका होती है। यही वजह है कि बीजेपी ने दिल्ली की सरकार में पूर्वांचल को प्रतिनिधित्व देकर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।

दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा से पहली बार विधायक बने पंकज कुमार सिंह को मंत्री पद सौंपकर बीजेपी ने यह संकेत दिया है कि पार्टी पूर्वांचल के वोट बैंक को और मजबूत करना चाहती है। डेंटल सर्जरी में बैचलर डिग्री प्राप्त पंकज सिंह दिल्ली की राजनीति में नए नहीं हैं। वे दिल्ली नगर निगम में पहले भी कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। वे एमसीडी के पूर्व कमिश्नर स्व. राजा मोहन सिंह के बेटे हैं और स्थानीय राजनीति को गहराई से समझते हैं।

पूर्वांचल पर बीजेपी की नजर, दिल्ली से यूपी-बिहार तक प्रभाव:

दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी हुई है। ऐसे में पूर्वांचल के लोगों को प्रतिनिधित्व देकर बीजेपी ने यूपी और बिहार में भी अपनी पकड़ मजबूत करने का संदेश दिया है।

बीजेपी का यह फैसला सिर्फ दिल्ली की राजनीति तक सीमित नहीं है। दिल्ली में रहने वाले लाखों पूर्वांचली मतदाता उत्तर प्रदेश और बिहार में भी प्रभाव रखते हैं। ऐसे में पंकज सिंह को मंत्री बनाना एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

मंत्री बनने से ठीक पहले मां का निधन, फिर भी निभाई जिम्मेदारी:

पंकज सिंह के लिए यह समय व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक भी रहा। 18 फरवरी को उनकी मां का निधन हुआ और 19 फरवरी को उनका अंतिम संस्कार किया गया। इसके बावजूद, 20 फरवरी को उन्होंने दिल्ली में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली और अपने कार्यभार को संभाला।

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उन्होंने कहा कि यमुना नदी की सफाई और सुंदरता को लेकर पहली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने वादा किया कि अगले छठ पर्व तक दिल्लीवासियों को यमुना का नया स्वरूप देखने को मिलेगा।

पूर्वांचल के वोटरों को साधने की बीजेपी की योजना:

पंकज सिंह की जीत और मंत्री पद की घोषणा से पूर्वांचल के मतदाताओं को “फील गुड” कराने की कोशिश साफ दिखती है। बीजेपी ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि जो समुदाय उसे वोट देगा, उसका राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया जाएगा।

क्या कहता है चुनावी आंकड़ा?

पंकज कुमार सिंह ने 135,564 वोटों के साथ आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को 12,876 वोटों के अंतर से हराया। चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनके पास लगभग पांच करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन उनके नाम पर कोई निजी वाहन नहीं है।

बीजेपी की आगे की रणनीति:

पूर्वांचल के लोगों को दिल्ली सरकार में प्रभावशाली स्थान देकर बीजेपी उत्तर प्रदेश और बिहार में भी मजबूत आधार बनाना चाहती है।

पंकज सिंह को मंत्री बनाकर बीजेपी ने संकेत दिया है कि पूर्वांचल के मतदाताओं की अनदेखी नहीं होगी।

दिल्ली में यमुना सफाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्य करके पूर्वांचल के धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को भी साधने की योजना है।

बीजेपी का यह कदम दिल्ली की राजनीति के साथ-साथ यूपी-बिहार में भी सियासी समीकरण बदलने की दिशा में अहम साबित हो सकता है। पंकज सिंह का मंत्री बनना सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक संदेश का हिस्सा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here